भभुआ (कोर्ट) : जिला व सत्र न्यायालय ने चैनपुर के मुड़ी गांव के शिक्षक हीरा सिंह, लेक्चरर मोहन सिंह (झारखंड), उनकी पत्नी (व्याख्याता रामरती मनोरमा देवी डिग्री महाविद्यालय भभुआ)मंजू लता देवी (मोकरी), अमित कुमार सिंह, पन्ना देवी (मरिचांव) व अखलासपुर के मुकुल सिंह को धारा 498(ए)/ 149, 307/149 के तहत दोषी पाते हुए सजा मुकर्रर की है.
इसमें दोषियों को 498(ए)/ 149 के तहत तीन वर्ष की सजा, 10-10 हजार का अर्थदंड व जुर्माना नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा का प्रावधान है. वहीं 307/149 के तहत चार-चार वर्ष की सता, एक – एक लाख रुपये अर्थदंड व दंड नहीं देने पर एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. जानकारी के अनुसार, सभी सजा एक साथ चलेगी.
गौरतलब है कि सुनीता कुमारी की शादी मरिचावं निवासी के अमित कुमार सिंह के साथ 1988 में हुई थी. ससुरालवालों ने दहेज के लिए सुनीता व उसकी एक मात्र बेटी कृष्टि को मारपीट कर घर से निकाल दिया था. इसमेें पीड़िता द्वारा परिवाद पत्र 670 /05 दायर किया गया था. इसमें एसडीजीएम ने 19 जुलाई 2011 को पति अमित कुमार सिंह, सास पन्ना देवी, ननद मंजु लता देवी, ननदोई मोहन सिंह को दहेज मांगें जाने के जुर्म में दो वर्ष की सजा और एक एक हजार रुपये का आर्थिक दंड सुनाया.
इसके बाद ससुरालवालों ने सुलह करने के लिए मुदालयगण सुनीता को भभुआ वार्ड नंबर दो स्थित मायके से विदा कर भभुआ प्रोफेसर कॉलोनी स्थित ससुराल ले गये और 12 सितंबर 2006 को केस से बचने व भरण पोषण न देना पड़े इसको लेकर केरोसिन का तेल छिड़क साड़ी का फंदा बना जान से मारने का प्रयास किया. असफल होने पर उसे मारपीट कर घर से बाहर कर दिया. अभियोजन पक्ष से संजय कुमार शर्मा व बचाव पक्ष से दिलीप सिंह ने अपना पक्ष रखा.