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रबी के लिए कई योजनाएं, उठाएं लाभ
भभुआ (नगर) : रबी फसल की उत्पादकता बढ़ाने को लेकर सरकार द्वारा कई तरह की योजनाओं की शुरुआत की गयी है. इसे कृषि विभाग के माध्यम से किसानों तक पहुंचाने की कवायद की जा रही है. गेहूं, मक्का, तेलहन व दलहन के लक्ष्य के अनुसार बुआई के लिए अलग-अलग योजनाएं हैं. किसानों को प्रत्यक्षण के […]
भभुआ (नगर) : रबी फसल की उत्पादकता बढ़ाने को लेकर सरकार द्वारा कई तरह की योजनाओं की शुरुआत की गयी है. इसे कृषि विभाग के माध्यम से किसानों तक पहुंचाने की कवायद की जा रही है.
गेहूं, मक्का, तेलहन व दलहन के लक्ष्य के अनुसार बुआई के लिए अलग-अलग योजनाएं हैं. किसानों को प्रत्यक्षण के तहत अनुदान मुहैया कराया जायेगा. योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए प्रखंडवार लक्ष्य तय कर विभाग ने अपनी कमर कस ली है, ताकि कृषकों को इसका लाभ ससमय मिल सके.
एनएमओओपी योजना : नेशनल मिशन आन ऑयल सीड्स व आयल पाम (एनएमओओपी) योजना की शुरुआत की गयी है. पहले से चलायी जा रही केंद्र प्रायोजित आइसोपोम योजना के जगह इसे लागू किया गया है. इसका उद्देश्य तेलहन की उत्पादन व उत्पादकता में निरंतर बढ़ोतरी लाना.
भूमि की उर्वरता को बरकरार रखते हुए तेलहन के मामले में राज्य को पूर्णत: आत्मनिर्भर बनाना. परंपरागत बीज की जगह तेलहन की उन्नत व संकर प्रभेदों की बुआई व विस्थापन दर में वृद्धि लाना. कृषकों को उपादान यानी अनुदान देकर कृषि तकनीकी हस्तांतरण को सफल बनाना है. इससे किसानों की माली हालत में सुधार व रोजगार के अवसर पैदा करने में बढ़ोतरी होगी.
योजना से फायदे : एनएमओओपी योजना के तहत किसानों को सरसों अथवा राई के प्रमाणित बीज मुफ्त में दिये जायेंगे. वहीं प्रत्यक्षण के तहत इन फसलों के लिए मिनिकीट आदि भी मुहैया कराया जा रहा है. इसके अलावा किसानों को प्रशिक्षण देना है व उनके बीच जिप्सम, पाइराईट्स, सल्फर व खरपतवारनाशी का वितरण किया जायेगा.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन : राष्ट्रीय खाद्य मिशन के तहत दलहनी फसल को रखा गया है. दलहनी फसलों की पैदावार में वृद्धि के उद्देश्य से कीटनाशी अथवा पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए अनुदानित दर पर यंत्र देने का प्रावधान है.
जीरो टिलेज गेहूं प्रत्यक्षण : जीरो टिलेज प्रत्यक्षण योजना का उद्देश्य मशीन करण से गेहूं पैदावार में क्रांति लाना है. जीरोटिलेज से गेहूं की बुआई करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को अनुदान भी दिये जायेंगे. इसके लिए जिले की सभी पंचायतों के लिए कार्य योजना बनायी गयी है.
हरित क्रांति उपयोजना : इस योजना के तहत जीरोटिलेज मशीन से गेहूं प्रत्यक्षण पर अनुदान के अलावा किसानों को गेहूं प्रभेद के बीज मुहैया कराये जायेंगे. वहीं, खरपतवारनाशी की खरीद पर दो सौ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान दिया जायेगा. इसके अलावा सूक्ष्म पोषक तत्व, जैव उर्वरक, जिप्सम, पौधा संरक्षण रसायन व जैव कीटनाशी आदि की खरीद पर निर्धारित दर से अनुदान मिलेगा.
जैविक खेती प्रोत्साहन योजना : विभिन्न फसलों की जैविक खेती करने के लिए किसानों को इस योजना के तहत प्रोत्साहित किया जायेगा. इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बरकरार रहेगी व उत्पादित खाद्य पदार्थ स्वादिष्ट के साथ-साथ सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होंगे. योजना के तहत पक्की वर्मी कंपोस्ट इकाई बनाने, गोबर गैस प्लांट लगाने व बीज उपचार रसायन खरीदने आदि पर अनुदान दिया जायेगा.
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