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दो महीने बाद है इंटर की परीक्षा, पर स्कूलों में फिजक्सि के टीचर नहीं

दो महीने बाद है इंटर की परीक्षा, पर स्कूलों में फिजिक्स के टीचर नहीं इंटरस्तरीय स्कूलों में टीचरों की कमी का खामियाजा भुगत रहे स्टूडेंट्स जिले के कुल 74 स्कूलों व कॉलेजों में होती है इंटर की पढ़ाई प्लस टू स्कूलों में कार्यरत हैं सिर्फ 216 टीचर प्रतिनिधि, भभुआ (नगर) जिले के प्लस टू स्कूलों […]

दो महीने बाद है इंटर की परीक्षा, पर स्कूलों में फिजिक्स के टीचर नहीं इंटरस्तरीय स्कूलों में टीचरों की कमी का खामियाजा भुगत रहे स्टूडेंट्स जिले के कुल 74 स्कूलों व कॉलेजों में होती है इंटर की पढ़ाई प्लस टू स्कूलों में कार्यरत हैं सिर्फ 216 टीचर प्रतिनिधि, भभुआ (नगर) जिले के प्लस टू स्कूलों व कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स का भविष्य अधर में लटकता दिखायी पड़ रहा है. इन संस्थानों में शिक्षकों का अभाव बना हुआ है. इसका खामियाजा स्टूडेंट्स को भुगतना पड़ रहा है. पर्याप्त शिक्षकों की बहाली न होने से इंटर में एडमिशन करानेवाले छात्र जैसे-तैसे अपना कोर्स पूरा करने को विवश हैं. शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए सरकार द्वारा वादे तो बहुत किये जाते हैं, लेकिन मुख्य रूप से पढ़ाई के स्तर में सुधार के लिए किये जानेवाले प्रयास जिले के प्लस टू स्कूल व कॉलेजों में धरातल पर उतरते नहीं दिखाई पड़ रहे.अपग्रेड स्कूलों का बुरा हाल सरकार द्वारा विगत वर्षों में कई माध्यमिक विद्यालयों को अपग्रेड कर प्लस टू का दर्जा दे दिया गया. कई जगहों पर पढ़ाई शुरू भी हो गयी, तो कई स्कूलों में मूलभूत संसाधनों के अभाव में पढ़ाई शुरू हुई. अपग्रेड स्कूल में प्लस टू स्तर के शिक्षकों की नियुक्ति की बात करें तो अब तक कई स्कूलों में एक भी शिक्षक की बहाली नहीं हुई. कहीं-कहीं तो स्कूलों में इंटर में स्टूडेंट्स का एडमिशन तो कर लिया गया, लेकिन पढ़ाई कैसे पूरी होगी इसकी व्यवस्था के लिए कोई पहल नहीं की गयी. जिले में कुल 61 प्लस टू स्कूलों व 13 कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई की सुविधा है, लेकिन इन संस्थानों में जरूरत के हिसाब से टीचरों की नियुक्ति अब तक नहीं होने से यहां एडमिशन कराये स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई जैसे तैसे पूरी कर परीक्षा की तैयारी में हैं. फरवरी में होगी इंटर की परीक्षा इंटर की परीक्षा को लेकर अब दो महीने का समय शेष बचा हुआ है. स्टूडेंट्स के लिए परीक्षा की तैयारी चिंता का विषय है. कोर्स पूरा करने के लिए स्टूडेंट्स निजी कोचिंग सेंटरों की दौड़ लगा रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत जिला मुख्यालय आकर कोचिंग सेंटर के सहारे कोर्स पूरा करने की मजबूरी है. फिजिक्स के टीचर की नहीं हुई बहाली अब तक कैमूर जिले के प्लस टू स्कूलों में फिजिक्स सब्जेक्ट के लिए एक भी टीचर की बहाली ही नहीं हुई है. इस बात से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस सब्जेक्ट की पढ़ाई स्टूडेंट्स कैसे करते होंगे. अन्य सब्जेक्ट के भी टीचरों की कमी स्कूलों में यथावत बनी हुई है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नियोजन इकाइयों द्वारा स्कूलों में बहाल शिक्षकों की स्थिति यह है कि जिला परिषद में 189, नगर परिषद में 17 व नगर पंचायत मोहनिया में 8 शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है. क्या कहती हैं डीइओ (फोटो)जिला शिक्षा पदाधिकारी रेखा कुमारी ने बताया कि नियोजन कि प्र्रक्रिया आचार संहिता की वजह से रूकी हुई है. शिक्षकों की बहाली के संबंध में अभी कोई निर्देश प्राप्त नहीं है. निर्देश मिलते ही शिक्षकों की बहाली होगी.

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