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जब गुरुजी आते ही नहीं, तो स्कूल में पढ़ायेगा कौन

जब गुरुजी आते ही नहीं, तो स्कूल में पढ़ायेगा कौन डीपीओ के औचक निरीक्षण में कई स्कूलों के शिक्षक मिले गायब शिक्षकों से एक दिन के वेतन कटौती के साथ स्पष्टीकरण भीप्रतिनिधि, भभुआ (नगर) जिले में सरकारी विद्यालयों में पठन-पाठन में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों पर विभाग की पैनी नजर है. डीइओ रेखा कुमारी ने […]

जब गुरुजी आते ही नहीं, तो स्कूल में पढ़ायेगा कौन डीपीओ के औचक निरीक्षण में कई स्कूलों के शिक्षक मिले गायब शिक्षकों से एक दिन के वेतन कटौती के साथ स्पष्टीकरण भीप्रतिनिधि, भभुआ (नगर) जिले में सरकारी विद्यालयों में पठन-पाठन में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों पर विभाग की पैनी नजर है. डीइओ रेखा कुमारी ने बताया कि कई विद्यालयों में निरीक्षण के दौरान शिक्षक अनुपस्थित पाये जा रहे हैं. कहीं समय से विद्यालय भी नहीं खोला जाता. ऐसे शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई जारी है. स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए स्कूलों की नियमित जांच शिक्षा विभाग के वरीय अफसरों द्वारा की जा रही है.गौरतलब है कि डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान सत्य नारायण प्रसाद द्वारा स्कूलों में औचक निरीक्षण का दौर जारी है. इसमें कई स्कूलों के हेडमास्टर व शिक्षक या तो स्कूल से गायब मिले या ससमय स्कूल नहीं पहुंचे थे. डीपीओ ने बताया कि ऐसे शिक्षकों के एक दिन की वेतन कटौती के साथ स्पष्टीकरण की मांग की गयी है.डीपीओ ने बताया कि विगत दिनों चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय तिवई, मध्य विद्यालय मदुरना, उत्क्रमित मध्य विद्यालय अवखरा, उत्क्रमित मध्य विद्यालय खरिगांवा, प्राथमिक विद्यालय दूबे सरैया सहित भभुआ के प्राथमिक संस्कृत विद्यालय सहित कई विद्यालयों का निरीक्षण किया गया. इन स्कूलों में कई शिक्षक अनुपस्थित थे. कई तो ससमय विद्यालय भी नहीं पहुंचे थे. इन स्कूलों के चिह्नित शिक्षकों के विरुद्ध एक दिन के वेतन कटौती के साथ स्पष्टीकरण की मांग की गयी है. शिक्षा के अधिकार अधिनियम की उड़ रही धज्जियां औचक निरीक्षण में कई खामियां सामने आ रही है. एक ओर शिक्षक स्कूल से गायब रहते हैं, वहीं बच्चों की उपस्थिति भी काफी कम देखी जा रही है. बच्चों का कहना है कि जब गुरुजी आते ही नहीं, तो स्कूल में पढ़ायेगा कौन ? इसलिए स्कूल के समय में खेलकूद कर ही समय निकालते हैं. गौरतलब है कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत सभी बच्चों को नि:शुल्क व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का निर्देश है. स्कूलों में सरकार द्वारा प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये पोशाक, छात्रवृत्ति, साइकिल योजना, प्रोत्साहन राशि एमडीएम योजना आदि पर खर्च होता है, लेकिन कुछ शिक्षकों की लापरवाही से स्कूलों में पठन-पाठन के कार्य पर काफी असर पड़ रहा है. क्या कहते हैं अधिकारी डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान सत्य नारायण प्रसाद ने बताया कि स्कूलों में औचक निरीक्षण का दौर जारी रहेगा. जिन विद्यालयों में निरीक्षण किया गया है, वहां दोबारा निरीक्षण होगा. ससमय स्कूल संचालित नहीं करनेवाले किसी भी शिक्षक को बख्शा नहीं जायेगा. ऐसे शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.

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