दाल के बाद अब सरसों तेल में आया उछाल लगातार बढ़ रही महंगाई ने लोगों को तोड़ी कमर दीपावली पर लोगों के सरसों तेल के दीये जलाने के मंसूबे पर फिर सकता है पानी प्रतिनिधि, भभुआ (सदर)पहले से दाल की कीमतें लोगों को रुला रही थी. अब 30 फीसदी की दर से एकाएक बढ़ी सरसों तेल की कीमत ने लोगों को परेशान कर रखा है. खाद्य पदार्थों में हो रही दिन-प्रतिदिन उछाल से इस बार कमर तोड़ महंगाई आनेवाले त्योहारों के रंग को भी फीका कर सकती है. सरसों तेल में हो रही बढ़ोतरी से त्योहार सीजन में उन लोगों के मंसूबों पर पानी फिर सकता है, जो दीपावली पर सरसों तेल के दीये जलाते हैं. बाजार के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो पिछले एक साल में सरसों तेल की कीमतों में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इस बढ़ोतरी को जहां व्यापारी वर्ग कम पैदावार होने की वजह मान रहा हैं. वहीं, विशेषज्ञ इसकी वजह कालाबाजारी मान रहे हैं. कारण जो भी हो त्योहारी सीजन में दाल और सब्जियों की कीमतों से परेशान आम आदमी अब सरसों तेल की बढ़ी कीमतों से चिंतित हैं. 80 से 90 रुपये लीटर बिकनेवाला सरसों तेल हुआ120 से 130 रुपयेबढ़ती महंगाई के बीच दाल की तरह सरसों तेल की कीमतों में भी एकाएक बंपर उछाल आया और देखते ही देखते सरसों तेल ने भी दाल की तरह सैकड़ा लगा दिया. कल तक जो सरसों तेल बाजार में 80 से 90 रुपये बिक रहा था. वह अब 120 से 130 रुपये लीटर तक जा पहुंचा है. पिछले पंद्रह दिनों में ही कीमतों में वृद्धि हुई है. वहीं, अलग-अलग कंपनियों और क्वालिटी के सरसों के तेल की एमआरपी तो 150 से 170 तक की रेंज में जा पहुंची है. इसके भी दरों में 30 से 40 रुपये का इजाफा हो गया है. प्याज और आलू भी नहीं लेने दे रहा लोगों को दम बढ़ती महंगाई और त्योहारी सीजन के बीच दाल और सरसों तेल में आग तो लगी ही है. ऊपर से प्याज और आलू भी लोगों के दम फुलाने पर लगे हैं. प्याज के भाव में 20 रुपये की कमी आ गयी थी. लेकिन, बाहर से आवक कम होने और फसल क्षति के चलते प्याज एक बार फिर से 60 से 80 रुपये प्रति किलो हो गया है. वहीं , आलू कल तक सस्ते दरों पर आम लोगों को उपलब्ध था वह भी अब महंगा हो गया है. दस रुपये किलो बिकने वाला पुराना आलू 12 से 15 रुपये किलो हो गया तो नया आलू भी अभी महंगा होते हुए आम आदमी के पहुंच से दूर है. चिंता का विषय यह है कि कीमताें में इजाफे का मुख्य कारण कालाबाजारी और जमाखोरी बताया जा रहा है और सबसे चिंता की बात यह है कि सारे बढ़े हुए खाद्यय पदार्थों की अगली फसल पांच माह बाद मार्च से अप्रैल के बीच बाजार में आम लोगाें के लिये उपलब्ध होगी. तब तक लोगों को बढ़ी हुई महंगाई का दंश झेलना मजबूरी है. क्या कहते हैं लोग शहर में रह कर बच्चाें को पढ़ाना महंगा था, ऊपर से रोज-रोज बढ़ रहे समान की कीमतों ने हौसले को पस्त कर दिया है. अब तो यही इच्छा हो रही है कि सब कुछ समेट कर गांव लौट जाया जाये.माया देवी महंगाई इतनी है कि हर चीज खरीदने में दोगुने पैसे लग रहे हैं. इस महंगाई में आदमी खायेगा क्या और बचायेगा क्या. उषा देवीमहंगे हो रहे समान के चलते घर का बजट बिगड़ा हुआ है. ऊपर से इस बार फसल भी चौपट हो गयी है. अगर यही स्थिति रहा तो भूखे मरने की नौबत आ जायेगी. शंकर साह ………………फोटो……………1.दुकान बिक्री के लिए रखा सरसों तेल 2.माया देवी, उषा देवी, शंकर साह………………………………………….
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दाल के बाद अब सरसों तेल में आया उछाल
दाल के बाद अब सरसों तेल में आया उछाल लगातार बढ़ रही महंगाई ने लोगों को तोड़ी कमर दीपावली पर लोगों के सरसों तेल के दीये जलाने के मंसूबे पर फिर सकता है पानी प्रतिनिधि, भभुआ (सदर)पहले से दाल की कीमतें लोगों को रुला रही थी. अब 30 फीसदी की दर से एकाएक बढ़ी सरसों […]
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