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प्रतिभा को है सहयोग की दरकार

भभुआ(नगर)/भगवानपुर. ‘खुद को कर बुलंद इतना की हर तकदीर से पहले खुदा वंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है .’ इन पंक्तियों को चरितार्थ कर रहा है कैमूर जिले के भगवानपुर प्रखंड के रामगढ़ गांव निवासी मनोज गोस्वामी. मुंडेश्वरी धाम के नीचे एक निजी स्कूल में पढ़ानेवाला 23 वर्षीय मनोज का सपना समाज […]

भभुआ(नगर)/भगवानपुर. ‘खुद को कर बुलंद इतना की हर तकदीर से पहले खुदा वंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है .’ इन पंक्तियों को चरितार्थ कर रहा है कैमूर जिले के भगवानपुर प्रखंड के रामगढ़ गांव निवासी मनोज गोस्वामी. मुंडेश्वरी धाम के नीचे एक निजी स्कूल में पढ़ानेवाला 23 वर्षीय मनोज का सपना समाज को इलेक्ट्रो मैग्नेटिक (विद्युत चुंबकीय) फिल्ड के सिद्धांत पर चलने वाले प्रदूषण रहित इंजन देने की है. उसने बताया कि अब तक मैं इलेक्ट्रो मैग्नेटिक फिल्ड के सिद्धांत पर 64 वां मॉडल तैयार किया है. अब कुछ ही दिनों में 65वां मॉडल तैयार करने की कोशिश जारी है. इस मॉडल की खूबी यह होगी कि यह बिना ईंधन के हीं मैग्नेटिक फिल्ड के नियम से कार्य करेगा.

मशीन कैसे करती है काम : अपने सोच के आधार पर मनोज ने बताया कि यह यंत्र चुंबकीय विकर्षण व आकर्षण के सिद्धांत पर काम करता है. मशीन में से निकले टैफील पर थोड़ा बल देने से मशीन का अगला दो, तीन चक्र पूरा हो जाता है. अगर इस यंत्र में और अधिक शक्तिशाली चुंबक लगाया जाये तो यह यंत्र और भी बल के साथ कार्य करेगा.

बचपन से ही कुछ करने की चाह : मनोज को बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि का था. स्कूल के समय से ही हर समय कुछ नया करने की चाह दिल में रहती थी. उसने बताया कि घर में आर्थिक तंगी है. माता-पिता का दबाव है कि सरकारी नौकरी कर घर की आर्थिक स्थिति में मदद करे. लेकिन, अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए घर के सभी सदस्यों के सो जाने के बाद रात में जग कर अपने मुकाम को पाने के काम में लग जाता हूं .

नहीं मिल पा रही कोई आर्थिक व तकनीकी मदद : मनोज की प्रारंभिक शिक्षा सरकारी विद्यालय से हुई. वहीं, बैचलर की डिग्री मनोविज्ञान विषय से भगवानपुर के राजर्षि शारीवाहन डिग्री कॉलेज से प्राप्त की. नयी तकनीकी की खोज कर रहे मनोज ने बताया कि आर्थिक तंगी की वजह से मुङो विज्ञान विषय की पढ़ाई छोड़नी पड़ी . अगर, सरकार की तरफ से आर्थिक व तकनीकी सहायता प्रदान की जाती तो शीघ्र ही बिना ईंधन के चलने वाले इंजन का निर्माण करने में सहायता मिलती.

गरीबी के बावजूद समर्पित : पेशे से किसान नारद गोस्वामी के पुत्र मनोज पांच भाई बहनों में सबसे बड़ा है. निजी विद्यालय में शिक्षक के रूप में कार्यरत मनोज को परिवार से भी कोई आर्थिक सहायता नहीं मिलती. पिता भी घर की माली स्थिति ठीक नहीं होने के कारण अपने पुत्र के इस लक्ष्य में कोई आर्थिक मदद नहीं पहुंचा पाते हैं. घर की माली स्थिति ठीक करने के लिए एक सुरक्षित कैरियर चुनने की सलाह देते हैं. मगर, मनोज का लक्ष्य समाज को कुछ अलग देने की है, जिसके लिए वह निरंतर प्रयासरत है.

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