मोहनिया (सदर) : सूखे की मार से इस बार हार्वेस्टर की आवाज गुम हो गयी है. इस बार सूखे की मार ने जहां किसानों की कदम तोड़ दी है. वहीं, अन्य प्रदेशों से धान काटने के लिए आने वाले हार्वेस्टर भी बैरंग लौट रहे हैं. धान का कटोरा नाम से विख्यात कैमूर में प्रत्येक वर्ष इस मौसम में बधारों में हार्वेस्टर चलने की आवाज सुनायी पड़ती थी.
मोहनिया प्रखंड में प्रत्येक वर्ष बड़ी संख्या में धान कटनी के लिए हार्वेस्टर आया करते थे, लेकिन दुर्गावती जलाशय से दुर्गावती मुख्य नहर में पानी नहीं पहुंचने से यह पूरा क्षेत्र सूखे से प्रभावित है. कहते हैं हार्वेस्टर चालक हरियाणा से यहां धान काटने आने वाले हार्वेस्टर चालक करतार सिंह ने बताया कि मोहनिया क्षेत्र से हर साल अच्छी कमाई होती थी. इस बार स्थिति काफी बुरी है. हार्वेस्टर के साथ खाली हाथ ही लौटना पड़ रहा है.