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पटना-गया रेलखंड में यात्रियों की सुरक्षा राम भरोसे

पटना-गया रेलखंड में यात्रियों की सुरक्षा राम भरोसे मोबाइल फोन व बैग उड़ाने वाला उचक्का गिरोह है सक्रियप्लेटफार्म तक ही सीमित रहती है रेल पुलिस की गश्तसर्च अभियान के नाम पर ड्यूटी की होती है खानापूर्तिजहानाबाद. इन दिनों पटना-गया रेलखंड पर उचक्कों का गिरोह सक्रिय हो गया है. इस रेलखंड पर चलने वाली ट्रेनों में […]

पटना-गया रेलखंड में यात्रियों की सुरक्षा राम भरोसे मोबाइल फोन व बैग उड़ाने वाला उचक्का गिरोह है सक्रियप्लेटफार्म तक ही सीमित रहती है रेल पुलिस की गश्तसर्च अभियान के नाम पर ड्यूटी की होती है खानापूर्तिजहानाबाद. इन दिनों पटना-गया रेलखंड पर उचक्कों का गिरोह सक्रिय हो गया है. इस रेलखंड पर चलने वाली ट्रेनों में गिरोह के सदस्य वैसे लोगों को टारगेट कर उनके सामान उड़ाने की जुगत में रहते हैं जो वृद्ध होते हैं. अकेली सफर करने वाली महिलाएं होतीं हैं या फिर वैसे यात्री होते हैं जो बेफिक्र होकर यात्रा करते हैं. ऐसे महिला और पुरुष यात्रियों को यह पता नहीं होता कि उन पर उचक्कों की कुदृष्टि लगी है. तारेगना से लेकर बेला स्टेशन तक उचक्के अपनी मंशा को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं. जहां तक सवाल सुरक्षा व्यवस्था का है तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं की जी आरपी और आरपीएफ के जवान ड्यूटी की सिर्फ खानापूर्ती करते हैं वो भी स्टेशन के प्लेटफार्म तक ही. ट्रेनों के आगमन और प्रस्थान सही ढंग से हो जाए. इस दौरान किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं हो, बस यहीं तक सीमित रहती है रेल पुलिस की ड्यूटी. एक्सप्रेस ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति तो कुछ ठीक ठाक है पर पैसेंजर ट्रेनों के यात्री राम-भरोसे ही यात्रा करते हैं. खासकर पटना-गया से शाम में खुलने वाली पैसेंजर ट्रेनों में उचक्के सक्रिय रहते हैं. गिरोह का सरगना कौन है यह तो जांच का विषय है लेकिन किशोरावस्था के लड़कों को छिनतई की घटनाओं को अंजाम देने में लगाया जाता है. मिली जानकारी के अनुसार ऐसे लड़के तारेगना स्टेशन से ट्रेन में सवार होते हैं और नदौल, जहानाबाद, टेहटा, मखदुमपुर, बेला और इसके बीच पड़ने वाले हॉल्टों के बीच घटना को अंजाम देते हैं. इधर गया से खुलने वाली ट्रेनों में बेला से उचक्कों के सवार होने की सूचनाएं मिली है. इसमें वैसे लड़के भी होते हैं जो अपने को वेंडर के रूप में दर्शाते हैं और उसके साथ होते हैं कुछ नाबालिग लड़के जो यात्री बनकर ट्रेन के डब्बे में घूम-घूमकर यात्रियों के सामानों की रेकी करते हैं. मौका पाकर उसे उड़ा ले भागने की फिराक में रहते हैं. वैसे तो पूर्व के दिनों में यात्रियों के सामान उड़ा ले भागने की कई घटनाएं हुई हैं लेकिन ताजी घटना हुई शनिवार की रात एक पैसेंजर ट्रेन में. जहानाबाद से अपनी ड्यूटी पूरी कर रात सवा नौ बजे पटना-गया अप पैसेंजर ट्रेन में टेहटा और धरनई जाने के लिए यात्री सवार हुए . ट्रेन जब नेयाजीपुर हॉल्ट से खुली तो एक उचक्का मुकेश कुमार नामक युवक का मोबाइल फोन छीनना चाहा इस युवक ने उचक्के की गतिविधि को भांप लिया था और वह सत्तर्क हो गया. जब ट्रेन खुली तो 16 वर्षीय एक उचक्के ने झपट्टा मारा. मोबाइल फोन से बात कर रहे इस युवक ने अपने मोबाइल फोन को कसकर पकड़ रखा था इस कारण वह लुटने से बच गया. उसने हल्ला करते हुए उचक्के को पकड़ना चाहा पर उचक्का चलती ट्रेन से कूदकर भाग निकला. यहां जरुरत है रेल पुलिस द्वारा ट्रेनों में नियमित गश्त लगाने की. वर्ना किसी भी यात्री के साथ अनहोनी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.

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