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साहब के घर के पिछवाड़े है शराबियों का अड्डा

साहब के घर के पिछवाड़े है शराबियों का अड्डाबिकती है शराब और लगता है लफंगों का जमावड़ा लोग कहते हैं कि शराब के साथ होते हैं और भी कई धंधे वर्षों से हो रहे अवैध धंधे पर नहीं लग रहा लगाम जहानाबाद कोर्ट हॉल्ट से उतरकर जानेवाले यात्री रहते हैं भयभीत महिला यात्री अनहोनी के […]

साहब के घर के पिछवाड़े है शराबियों का अड्डाबिकती है शराब और लगता है लफंगों का जमावड़ा लोग कहते हैं कि शराब के साथ होते हैं और भी कई धंधे वर्षों से हो रहे अवैध धंधे पर नहीं लग रहा लगाम जहानाबाद कोर्ट हॉल्ट से उतरकर जानेवाले यात्री रहते हैं भयभीत महिला यात्री अनहोनी के डर से नहीं गुजरतीं इस रास्ते फोटो-09 इंट्रो: अवैध शराब का धंधा तो जिले के विभिन्न इलाके में वर्षों से संचालित है. यदा-कदा छापेमारी अभियान में शराब जब्त होना, भठ्यिों को ध्वस्त करना इसके प्रमाण हैं. गंभीर बात यह है कि शहर के एक प्रमुख स्थान पर अवैध शराब का कारोबार बेरोक-टोक लंबे समय से चल रहा है. वह स्थान है जहानाबाद एसडीओ साहब के आवास का पिछवाड़ा. महादलितों की करीब 20 झोपडि़यों में शराब के अवैध कारोबारी वर्षों से धंधा संचालित किए हुए हैं. विडंबना इस बात को लेकर है कि इस पर कंट्रोल करने या अवैध कारोबार का पूरी तरह सफाया करने की प्रशासनिक कार्रवाई अब तक नहीं हुई. संभ्रांत लोगों का सवाल है कि आखिर क्यों.जहानाबाद. अनुमंडल पदाधिकारी के आवास के पश्चिमी चाहरदीवारी से बिल्कुल सटे तकरीबन 20 घर ऐसे हैं जिसमें महादलित वर्ग के लोग रहते हैं. यहां पर एक टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज हैं जहां छात्र-छात्राएं नियमित रूप से पढ़ने आते हैं. दूसरी ओर जहानाबद कोर्ट हॉल्ट है. प्रतिदिन हजारों यात्रियों का आवागमन होता है. ऐसे प्रमुख स्थान पर अवैध शराब का धंधा करना लोगों को नागवार गुजर रहा है. इस महादलित टोले में सुबह से लेकर रात तक नाजायज ढंग से शराब बेची जाती है. ताड़ी और गांजा पीने वालों का भी जमावड़ा अलग से लगा रहता है. दिन में झोपडि़यों के भीतर शराब बेची जाती है और शाम होते-होते इस कारोबार को रास्ते पर पसार दिया जाता है. पुलिस की रहती है चहलकदमी:शराब के अवैध अड्डे पर पियक्कड़ों का जमावड़ा तो स्वाभाविक है. वर्दीधारी पुलिस की चहलकदमी भी अक्सर रहती है. इक्का-दुक्का पुलिस को आते देख समझते हैं कि शायद कुछ कार्रवाई होगी. पुलिस झोपड़ी से निकलती है लेकिन लोगों को मालूम होता है कि पुलिस घूमकर चली गयी. बनायी जाती है अपराध की योजना:महादलितों को थोड़े बहुत रुपये का प्रलोभन देकर अवैध शराब के कारोबारी प्रतिदिन देसी दारू झोपडि़यों में उपलब्ध कराते हैं. विभिन्न स्थानों से असामाजिक तवों का भी जमावड़ा वहां लगता है और पीने-पिलाने के दौर में हर तरह की अपराध की योजना बनायी जाती है. चोरी-डकैती-राहजनी की योजनाएं बनाने के लिए झुग्गी-झोपडि़यां असामाजिक तत्वों का सुरक्षित स्थान कहा जाता है. यात्री रहते हैं भयभीत:हजारों की संख्या में रोज महिला-पुरुष यात्री जहानाबाद कोर्ट हॉल्ट तक आवागमन करते हैं जिनके समक्ष हमेशा अनहोनी की आशंका बनी रहती है. शाम ढलते ही महिला यात्री तो उस रास्ते से गुजरना कतई उचित नहीं समझतीं. लुट जाने या छेड़खानी की आशंका के मद्देनजर महिलाएं शार्ट रास्ते से गुजरने के बजाय हॉल्ट के मेन दरवाजे से ही अपने गंतव्य तक जाना मुनासिब समझती है. सवाल यह उठ रहा है कि उत्पाद विभाग, नगर थाना या रेल थाने की पुलिस इस अवैध कारोबार पर नकेल कसने की दिशा में सार्थक कदम क्यों नहीं उठा रही है. ऐसा नहीं है कि प्रशासन के लोगों को इसकी जानकारी नहीं है. अब यहां के नये एसडीओ से उम्मीद है कि वे इस अवैध धंधे पर नकेल कसने की दिशा में ठोस कदम उठाएंगे . क्या कहते हैं अधिकारी:मामला संज्ञान में है. पूर्व में छापेमारी की गयी थी. उस वक्त कारोबारी और पियक्कड़ भाग जाते हैं. एक बार फिर शीघ्र ही अवैध शराब के खिलाफ अभियान वहां चलाया जायेगा और विभागीय कड़ी कार्रवाई की जाएगी. -विनोद कुमार झा, उत्पाद अधीक्षक, जहानाबाद

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