जहानाबाद : हत्या के मामला में आरोपित दो अभियुक्तों को एडीजे गोपाल प्रसाद ने सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई. जबकि आठ अन्य अभियुक्तों को धारा 307 भादवि में दोषी पाते हुए सात वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनायी.
न्यायाधीश ने सत्रवाद संख्या 103/2014 में आरोपित नन्हक मियां एवं मो शमीम मियां को धारा 302 भादवि के तहत दोषी पाते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी वहीं दोनों के विरुद्ध एक -एक लाख रुपया अर्थदंड की सजा भी सुनायी. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर दो वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
इसके अलावा दोनों अभियुक्तों को धारा 27 आर्म्स एक्ट के तहत दोषी पाते हुए तीन वर्ष की सजा सुनाई गयी. इसके अतिरिक्त अन्य आठ सह अभियुक्तों अन्तु साव,महेंद्र महतो, पप्पू मियां, दीनानाथ साव, अनिश मांझी. राजू मांझी, कारू मांझी एवं रामजन्म राम को न्यायाधीश ने धारा 307 भादवि के तहत दोषी पाते हुए सात वर्ष सश्रम कारावास एवं 27 आर्म्स एक्ट के तहत दोषी पाते हुए तीन वर्ष कारावास एवं 5 हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनायी.
अर्थदंड की राशि नहीं देने पर 6 माह जेल की अतिरिक्त सजा भुगतना होगा. एपीपी अशोक कुमार ने बताया कि इन सभी अभियुक्तो के विरुद्ध ग्राम सलारपुर थाना शकुराबाद के सूचक राम उदय साह ने शकुराबाद थाना कांड संख्या – 65/2007 दर्ज कराया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी अभियुक्तों ने दिनांक 25 मई 2007 को रात में राइफल से गोली मार कर उसके भाई रामस्वरूप साह एवं श्रीनिवास साह को गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था. जिसमें राम स्वरूप साह की मृत्यु हो गयी थी. जबकि श्रीनिवास साह जख्मी हो गया था.