शहर में हर समय मंडरा रहा मौत का सायाबिजली के लटके केबूल से बड़े हादसे की आशंकाकलेक्ट्रेट से पावर सब स्टेशन तक लूज वायर से संशकित रहते हैं लोगओवरलोड वाहन के धक्के से कई बार तार टूटने की हो चुकी है घटनाएंअंडर ग्राउंड केबुल की व्यवस्था से समस्या का हो सकता है समाधानफोटो- 3,4,5 इंट्रो. कहते हैं कि मौत कभी कहकर नहीं आती लेकिन जहानाबाद शहर खुद गवाह है इस कथन को झुठलाने का, जहां मौत हर समय मंडरा रही है. बिजली के लटके तार के रूप में, जो कभी भी असमय लोगों को अपनी आगोश में समाकर ले जाने को तैयार है. मौत के रूप में लटके बिजली के तार को सुदूढ़ करने की चिंता से बिजली विभाग बेफिक्र है. फलस्वरूप परिणाम यह हो सकता है कि बिजली प्रवाहित तार यहां किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है. जहानाबाद. शहर से होकर गुजरने वाली एनएच 83 हो या निचली रोड का इलाका सभी जगहों पर बिजली के वायर लूज हालत में हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग पर कलेक्ट्रेट से लेकर काको रोड स्थित पावर सब स्टेशन तक 33 हजार केवीए और 11 हजार केवीए का केबुल गुजरा है वो भी सड़क के बीचोबीच से जो जनमानस के लिए खतरा साबित हो रहा है. यह स्थिति यहां कभी भी भीषण हादसे को निमंत्रण दे रहा है. इतना ही नहीं शहर के कुछ स्थानों पर जैसे शिवशंकर सिनेमा हॉल, अरवल मोड़ सहित कई स्थानों पर 33 हजार के बिजली पोल से एलटी तार को लगा दिया गया है जिसमें टोका फंसाकर कई लोग अपने घरों तक बिजली ले गये हैं. जानकार बताते हैं कि एलटीतार की व्यवस्था बिजली उपभोक्ताओं को घर के पास रहनी चाहिए थी. लेकिन ऐसा नहीं रहने से कई प्रमुख स्थानों पर बिजली के प्रवाहित केबुल उपर से सड़क को क्रॉस कर मोहल्ले के घरों तक ले जाया गया है. बनी रहती है दुर्घटना की आशंका:इस स्थिति से शहर में सदैव बड़ी घटना की आशंका बनी रहती है. एनएच से कई ओवर लोड वाहनों का गया-पटना के लिए आवागमन होता है. पूर्व के दिनों में कई बार दुर्घटना हो चुकी है. ओवर लोड ट्रक में तार फंसकर टूट चुके हैं बीच सड़क पर पोल रहने से बड़े वाहन के धक्के से पोल और तार टूट चुके हैं. जिसकी कई प्राथमिकी यहां नगर थाने में दर्ज है. यह तो संयोग है कि पोल और तार टूटने की घटनाएं रात में होती है. यदि दिन में कभी ऐसी दुर्घटना हुई तो असमय कई लोग काल के गाल में समा सकते हैं. शहर के दरधा नदी पुल से दक्षिण लूज वायर की स्थिति थोड़ी ठीक है पर काको मोड़ से लेकर हॉस्पीटल मोड़ तक लटके वायर से लोग आशंकाओं के बीच रहते है. निचली रोड में स्थिति है विकट: ऊंटा मोड़ से लगातार थाना रोड तक केबूल का महाजाल फैला है. मेन रोड में मलहचक मोड़ से संकीर्ण सड़क के उपर दोनों तरफ बिजली के तार काफी लटकी हालत में है. लगभग प्रत्येक मोड़ पर टोके फंसाये गये हैं. चुकी शहर का यह इलाका व्यवसायिक क्षेत्र है. आवासीय मकान के अलावा सैकड़ों की संख्या मे विभिन्न प्रकार के व्यवसायिक प्रतिष्ठान है और लोग बिजली का कनेक्शन लिये हुए है. हमेशा तार लटके रहने से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. विशेष आयोजन पर बंद कर दी जाती है आपूर्ति: केबूल की लूंज-पूंज व्यवस्था रहने से किसी भी विशेष आयोजन पर शहर में बिजली की आपूर्ति बंद कर दी जाती थी. जैसे दशहरे के बाद प्रतिमा विसर्जन को लेकर निकलने वाली शोभा यात्रा या मुहर्रम जुलूस के वक्त दुर्घटना की आशंका को देखते हुए बिजली तब तक बंद कर दी जाती है जबतक प्रतिमा या ताजिया जुलूस का विसर्जन समापन नहीं हो जाता.क्या है समाधान: इस समस्या के दो समाधान हैुं. जानकार बताते है कि पूर्व के वर्षों में प्रभारी जेई सुरेश प्रसाद 11 हजार केवीए के केबूल को रोड के किनारे से ले जाने की व्यवस्था की थी. जिससे काफी हद तक तार टूटने की घटना पर नियंत्रण लगा था. उसी प्रकार सड़क किनारे से फिलहाल ऊंचे पोल लगाकर केबूल ले जाने की अस्थायी व्यवस्था की जाये. इसके अलावा स्थायी समाधान के तौर पर अंडर ग्राउंड केबूल कलेक्ट्रेट से लेकर पावर सब स्टेशन तक ले जाया जायेगा तो लोगों को तो सहुलियत होगी ही. विभाग भी तार टूटने पर उसे जोड़ने की नाहक परेशानी और अतिरिक्त कार्य से बचेगा.
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शहर में हर समय मंडरा रहा मौत का साया
शहर में हर समय मंडरा रहा मौत का सायाबिजली के लटके केबूल से बड़े हादसे की आशंकाकलेक्ट्रेट से पावर सब स्टेशन तक लूज वायर से संशकित रहते हैं लोगओवरलोड वाहन के धक्के से कई बार तार टूटने की हो चुकी है घटनाएंअंडर ग्राउंड केबुल की व्यवस्था से समस्या का हो सकता है समाधानफोटो- 3,4,5 इंट्रो. […]
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