एनएच 83 पर शव रख लोगों ने किया प्रदर्शन
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बंदी की मौत, सड़क जाम
एनएच 83 पर शव रख लोगों ने किया प्रदर्शन जहानाबाद : जेल से इलाज के लिए सदर अस्पताल लाए गए एक बंदी की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों के प्रतिकार से बुधवार को शहर अव्यवस्थित हो गया. कैदी के शव के साथ एनएच 83 पर जुटे लोगों ने जेल प्रशासन और पुलिस पर ज्यादती और […]
जहानाबाद : जेल से इलाज के लिए सदर अस्पताल लाए गए एक बंदी की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों के प्रतिकार से बुधवार को शहर अव्यवस्थित हो गया.
कैदी के शव के साथ एनएच 83 पर जुटे लोगों ने जेल प्रशासन और पुलिस पर ज्यादती और इलाज में लापरवाही का आरोप लगा घंटे भर प्रदर्शन किया. इस दौरान सड़क जाम कर यातायात पूरी तरह ठप कर दिया . बाद में बड़ी मशक्कत कर एसडीपीओ मो. अशफाक अंसारी ने परिजनों को समझा-बुझाकर जाम समाप्त कराया.
बताया गया कि उक्त कैदी सिद्धेश्वर यादव को सोमवार को एक जमीन विवाद के मामले में पुलिस ने नेरथुआ गांव से हथियार के साथ गिरफ्तार किया था. जिसे इलाज के बाद आर्म्स एक्ट के तहत जेल भेजा गया था. जेल में मंगलवार की रात में उसकी तबीयत बिगड़ गयी. बुधवार को सदर अस्पताल में उसे इलाज के लिए लाया गया. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मृतक के परिजनों को सरकारी योजनाओं का लाभ और आर्थिक मदद का भरोसा दिया गया है.
क्या है मामला : जमीन विवाद में गिरफ्तार किए गए सिद्धेश्वर यादव, उम्र 60 वर्ष (मृतक) को भेलावर ओपी की पुलिस ने पकड़ा था. देवराज बिगहा के रहने वाले सिद्धेश्वर का समीप के गांव नेरथुआ में एक जाति विशेष से संबद्ध दूसरे पक्ष से जमीन का विवाद था. उसके मुताबिक दूसरे पक्ष ने उसकी जमीन पर अवैध कब्जा कर मकान बना लिया है.
सोमवार को विवादित स्थल पर उसकी की जम कर पिटाई की गयी थी. उसके बाद वह अपने गांव देवराज बिगहा से पिस्तौल लेकर आया और घटनास्थल पर फायरिंग की असफल कोशिश की.
इस क्रम में बुरी तरह पिटाई से जख्मी सिद्धेश्वर को पकड़ कर दूसरे पक्ष ने चौकीदार के हवाले कर दिया. जिसे बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर अभिरक्षा में इलाज के लिए सदर अस्पताल में भरती कराया था. जेल भेजने के बाद पुलिस ने उसे फिर बुधवार को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया. जहां वह मृत पाया गया.
दूसरे पक्ष के तीन लोग गिरफ्तार : बंदी की मौत के बाद सड़क जाम से विधि-व्यवस्था प्रभावित होते देख इधर पुलिस ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए जमीन विवाद से जुड़े दूसरे पक्ष के तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. मृत सिद्धेश्वर उर्फ भूरा यादव ने इस संबंध में चार लोगों पर नामजद एफआइआर दर्ज करायी थी. रविंद्र चौधरी को मुख्य आरोपित बनाते हुए जमीन दखल करने का केस काको थाने में दर्ज किया गया था.
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