।। रीतेश कुमार ।।
जहानाबाद (ग्रामीण) : एक–दूसरे से आगे निकलने की धुन में ट्रैफिक रूल को दरकिनार करने से शहरी जीवन असहज हो गया है. सड़कों पर वाहनों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो गयी है.
शहर के किसी भी मार्ग पर चले जाएं बाइक, ऑटो और चारपहिया वाहनों की भीड़ जरूर मिलेगी. आगे निकलने की होड़ में वाहन चालकों द्वारा बजाये जा रहे हाइ प्रेशर हॉर्न से शहरवासी खासे चिंतित हैं. छोटे–बड़े सभी वाहन धड़ल्ले से कानफाड़ू आवाज के हॉर्न का उपयोग कर रहे हैं. ऐसे में सड़क के किनारे जिनकी दुकानें व घर हैं, उनके लिए यह शो बीमारियों का कारण बनता जा रहा है.
शहर के प्रमुख चौक–चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती है. परिवहन मानकों के अनुसार हॉर्न 88 डेसिबल से ज्यादा का नहीं होना चाहिए. ऐसे में अधिकतर वाहन चालक परिवहन नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर बुफर या प्रेशर हॉर्न बजा रहे हैं. दो पहिया के लिए 80 डेसीबल, तीन पहिया के लिए 82 डेसीबल, कॉमर्शियल वाहन के लिए 85 डेसीबल, सवारी वाहन के लिए 89 डेसीबल और पैसेंजर भारी वाहन के लिए 91 डेसीबल निर्धारित है. लेकिन वाहनों में प्रत्युक्त हो रहे हॉर्न जरूरत से ज्यादा शोर करते हैं.
* क्या है प्रावधान
केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 190 के उपनियम में यह स्पष्ट प्रावधान है कि मानक से अधिक क्षमता के हॉर्न प्रयोग में लाये जाने पर इससे जुड़े वाहनचालक दंड के भागी होंगे. इसके लिए वाहन चालक को 100 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक जुर्माना भरना पड़ सकता है.