जहानाबाद : विश्वासघात दिवस के मौके पर बीजेपी की ओर से बुलाये गये ’बिहार बंद’ का जिले भर में व्यापक असर दिखा. जहानाबाद अभूतपूर्व बंद रहा. यहां एनडीए से नाता तोड़ने के जदयू के फैसले से आक्रोशित भाजपा कार्यकर्ताओं ने बंद को सफल बनाने में जुटे रहे. वे चार बजे भोर से ही झंडा-बैनर के साथ सड़कों पर उतर आये. बीजेपी कार्यकर्ता मुस्तैदी से बंद को असरदार बनाने में जुटे रहे. सुबह दस बजे के करीब यहां सड़कों पर सन्नाटा रहा.
जबकि गली-कूची से भी कार्यकर्ताओं का हुजूम बंद कराने को उमड़ पड़ा था. बंद के क्रम में एनएच-83 (पटना-गया रोड) को शहर के अरवल मोड़ के समीप कार्यकर्ता सड़क पर बैठ कर सरकार विरोधी नारे लगाने लगे. कार्यकर्ता अतिपिछड़ा वर्ग से आने वाले अपने नेता नरेंद्र मोदी के समर्थन में नारे लगा रहे थे. देश का पीएम कैसा हो, नरेंद्र मोदी जैसा हो. नीतीश कुमार मुरदाबाद आदि के नारे लगाये. बीजेपी कार्यकर्ताओं के तेवर जेडीयू के खिलाफ खासे तल्ख नजर आये.
इस दौरान सड़कों पर यातायात पूरी तरह ठप रहा. दर्जनों पर्यटक वाहन, वीआइपी गाड़ियां और ट्रक दोनों ओर खड़े थे. इधर, बंद समर्थकों को मंगलवार की साप्ताहिक बंदी का भी पूरा साथ मिला. वाहन और दुकानें स्वत: स्फूर्त बंद रहीं. बंद के दौरान पुलिस और प्रशासनिक अमला बेहद तत्पर दिखा. अफसरों की गाड़ियां दिन भर विधि-व्यवस्था को बनाये रखने के लिए दौड़ती रहीं. बाद में अरवल मोड़ के समीप जुटे कार्यकर्ताओं को पुलिस हिरासत में लेकर कैंप जेल भेज दिया.
कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने के तुरंत बाद टाउन हॉल पहुंचा दिया. बंद में अरवल के विधायक चितरंजन कुमार, भाजपा के जिलाध्यक्ष शशि रंजन, भाजपा के वरिष्ठ नेता अजीत शर्मा, अल्पसंख्यक नेता, तारिक हारुण, नरेश कुमार, राधा मोहन शर्मा, कुमार अवधेश, चंद्र भूषण शर्मा, योगेंद्र कुमार, सुनीता कुमारी, ज्योति मणी, पूनम कुमारी, जिला महामंत्री अवधेश शर्मा, अजय गुप्ता, अनिल ठाकुर, सरयू कुमार समेत बड़ी संख्या में भाजपाई शामिल थे.
* ग्रामीण क्षेत्रों में भी दिखा असर
जिले के सदर, काको, मोदनगंज, रतनी, मखदुमपुर, घोसी और हुलासगंज प्रखंडो में भी बीजेपी कार्यकर्ताओं का जोश देखते ही बन रहा था. बिहार बंद को लेकर सुबह से ही इन क्षेत्रों में घूम-घूम कर आम लोगों से समर्थन की अपील की गयी. घोसी में मंडल अध्यक्ष विनोद कुमार, कमलेश कुमार, उदय शर्मा, राकेश चौरसिया, याद आलम, विजय राउत, संतोष कुमार, राम विनय शर्मा समेत दर्जनों कार्यकर्ता प्रखंड कार्यालय के समीप मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला फूंका.
इधर, मोदनगंज प्रखंड में रामेश्वर केसरी, सुनील तिवारी, दीना शर्मा, अशोक शर्मा, शंभु शर्मा, प्रमोद कुमार, आशुतोष शर्मा, दधिवल शर्मा समेत कई कार्यकर्ताओं ने बाजार बंद कराने के साथ-साथ ही गंधार एवं ओयना के समीप सड़क जाम कर यातायात ठप किया. मखदुमपुर बाजार में प्रखंड अध्यक्ष मुरारी, नगर अध्यक्ष सुरेश शर्मा, विमल शर्मा, विवेक कुमार के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने बंद को सफल बनाया.
वहीं, रतनी प्रखंड में प्रखंड अध्यक्ष अशोक कुमार के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने शकुराबाद, घेजन एवं नेहालपुर बाजार को बंद कराया. हुलासगंज प्रखंड में अभय कुमार, परमात्मा शर्मा, ललन शर्मा आदि की अगुआई में बंद को सफल बनाने में कार्यकर्ता जुटे रहे.
* जदयू नेता भी ले रहे थे बंद का जायजा
फुटपाथी दुकानों पर चाय-पान के बहाने सुबह से ही जदयू नेताओं का जमावड़ा देखा गया. हालांकि वे यहां बिहार बंद और विश्वासघात दिवस पर नजर रखने पहुंचे थे. चाय की चुस्की और पान के गिलोरे के बीच नेता-कार्यकर्ताओं ने समेकित तान छेड़ी, जो हुआ उसे अच्छा तो नहीं कहा जा सकता. लेकिन जो होता है, वह भले के लिए ही होता है.
* ट्रेन, एंबुलेंस व दोपहिया वाहनों पर उदारता
इस बार की बंदी कुछ मायने में आम-अवाम को थोड़ी राहत देती हुई दिखी. वर्षों से ट्रेन परिचालन ठप करने की परंपरा अबकी बिहार बंद के दौरान पूरी तरह टूट गयी. ट्रेन, एंबुलेंस और दोपहिया वाहनों पर भाजपाइयों ने उदारता दिखायी. गया-पटना रूट की सभी रेलगाड़ियां अपने नियत समय पर चलीं. इस बीच स्टेशन पर यात्रियों का सैलाब उमड़ पड़ा था. कुछेक यात्रियों ने ट्रेन रोकने की परिपाटी खत्म होने पर खुशी जतायी. वे इसे आम लोगों के हक में लिया गया. बेहतर फैसला बता रहे थे. बता दें कि बिहार बंद के दौरान ट्रेन और आपात सेवाओं को चालू रखने की घोषणा की गयी थी.
* नरेंद्र मोदी के नाम पर दिखा उत्साह
बंद को विश्वासघात से जोड़ कर देखा गया. लेकिन भाजपाई अपने खास चेहरे बन चुके ’नरेंद्र मोदी’ को लेकर खासे उत्साहित नजर आये. जेडीयू से साथ छूटने का मलाल प्रदर्शित नहीं हो रहा था. सरकार और नीतीश विरोध पर मोदी का नाम मंत्र जाप हावी रहा. बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना था कि गंठबंधन तोड़ कर जेडीयू ने भाजपा के साथ दगाबाजी की है.
* बेहाल रहे यात्री
यातायात ठप होने से बंद के दौरान पर्यटक और यात्री बेहाल रहे. दुकानें बंद रहने के कारण उन्हें स्नैक्स, पानी की बोतल, चाय-नाश्ता समेत दूसरे जरूरी के सामान के लिए मुंहताज होना पड़ा. सड़क किनारे हैंडपंपों के सहारे यात्रियों ने अपनी प्यास बुझायी. कुछ यात्री रोज-रोज के बंद से आजिज दिखे. उनका कहना था कि बंदी की पूर्व सूचना तो थी. लेकिन गंतव्य पर पहुंचना भी बड़ा जरूरी था.
* राजद समर्थक रहे बाग-बाग
दो सहयोगी दल बीजेपी और जेडीयू को आपस में ताल ठोंकते देख राजद समर्थक बाग-बाग रहे. एक-दूसरे के खिलाफ आग उगलते भाजपाई और जेडीयू कार्यकर्ताओं की झड़प का नजारा देखने के लिए बड़ी तादाद में आरजेडी के नेता भी सड़क किनारे जमे थे. कोई नीतीश कुमार की मनमानी को आड़े हाथों ले रहे थे, तो कुछ छुटभैये नेता उन्हें मतलब परस्त बता रहे थे. उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के समर्थक भी मजमा का मजा लेने में पीछे नहीं रहे.