चकाई में गहराया जल संकट, पानी खरीदकर पीने को विवश हैं लोग

प्रचंड गर्मी व तेज हवा चलने के कारण जलस्तर चला गया है नीचे

By Prabhat Khabar Print | April 23, 2024 9:32 PM

चकाई. प्रखंड में प्रचंड गर्मी व तेज हवा चलने के कारण जलस्तर नीचे चले जाने से लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है. वैसे तो पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण चकाई वासियों को हर वर्ष गर्मी के मौसम में जल संकट का सामना करना पड़ता है, लेकिन लगातार पिछले दो साल से प्रखंड में बहुत कम बारिश होने के कारण दो माह पूर्व ही तालाब, कुआं सुख चुके हैं. वहीं प्रखंड स्थित अजय नदी में भी गड्ढा खोदने के बाद पानी निकल पाता है. पानी उपलब्ध नहीं रहने के कारण आदमी ही नहीं पशुओं को भी प्यास बुझाने के लिए मीलों भटकना पड़ता है. प्यास बुझाने व पानी की तलाश में आस-पास के जंगलों में मौजूद जंगली जानवर जैसे नील गाय, हिरण आदि गावों की ओर आ जाते हैं. कुछ दिन पूर्व ही पाटजोरी गांव में स्थानीय लोगों ने एक नील गाय को पकड़ कर वन विभाग के हवाले किया था. वहीं जलस्तर नीचे चले जाने के कारण कुआं भी सूख चुका है. इसके अलावे चापाकल से भी बहुत ही कम मात्रा में पानी निकलता है, जिस कारण लोग पानी खरीदकर पीने को विवश हैं.

नल जल योजना भी असफल: व

हीं प्रखंड में नल जल योजना भी असफल होकर रह गयी है. लाभुकों को सही ढंग से इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. अधिकांश स्थानों पर यह लाभकारी योजना फिसड्डी साबित होकर रह गयी है. चकाई पंचायत के गोला गांव वार्ड नंबर एक में दो साल पूर्व ही जलमीनार तो बन गया, पाइप भी बिछ गया, पर आज तक जलापूर्ति शुरू नहीं हो पायी. वहीं खास चकाई वार्ड संख्या तीन में भी पिछले डेढ़ साल से जलापूर्ति बंद है. स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क निर्माण के दौरान पाइप क्षतिग्रस्त हो जाने से जल सप्लाई बंद है. कई बार इसे ठीक करने के लिए संवेदक से वार्डवासियों द्वारा आग्रह भी किया गया, पर अभी तक पाइप बदलकर इसे चालू नहीं किया गया. वहीं प्रखंड के घोरमो गांव में भी पेयजल की घोर किल्ल्त है. 2023 में ग्रामीणों के प्रदर्शन के बाद तत्कालीन सीओ राकेश रंजन ने उस गांव में पानी का टैंकर भिजवा कर पेयजल उपलब्ध कराया था. वहीं प्रखंड के दूर सुदूर गावों में भी हर साल गर्मी के दिनों में वनवासियों को पेय जल संकट का सामना करना पड़ता है. वैसे गावों के लोग आज भी नदी में चुवा खोदकर प्यास बुझाते है.

कहते हैं जेई:

चकाई प्रखंड पीएचईडी के जेई रवि कुमार ने बताया कि मामले को लेकर आवेदन मिला है. जल्द ही इसे दुरुस्त कर जल संकट को दूर किया जायेगा.

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