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अिधक से अधिक वादों का करायें िनष्पादन

जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि मध्यस्थता विवादों के निपटारे की सरल,आधुनिक व सुलभ प्रक्रिया है उन्होंने सभी लोगों से मध्यस्थता के तहत अधिक से अधिक सुलहनीय वादों का निष्पादन कराने की अपील की. जमुई : जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से स्थानीय व्यवहार न्यायलय परिसर स्थित न्याय सदन में जिला एवं सत्र […]

जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि मध्यस्थता विवादों के निपटारे की सरल,आधुनिक व सुलभ प्रक्रिया है उन्होंने सभी लोगों से मध्यस्थता के तहत अधिक से अधिक सुलहनीय वादों का निष्पादन कराने की अपील की.

जमुई : जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से स्थानीय व्यवहार न्यायलय परिसर स्थित न्याय सदन में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के अध्यक्ष वायुनंदन लाल श्रीवास्तव की अध्यक्षता में मध्यस्थता जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया. मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के अध्यक्ष वायुनंदन लाल श्रीवास्तव ने कहा कि मध्यस्थता विवादों के निपटारे की सरल,आधुनिक व सुलभ प्रक्रिया है तथा इस प्रकिया के तहत समय और राशि दोनों की बचत होती है.
न्यायालय पर भी मुकदमो का बोझ कम होता है.इसके तहत दोनों पक्ष की सहमति को महत्व दिया जाता है.यह एक आधुनिक और ढांचागत प्रक्रिया है.मध्यस्थता के तहत प्रशिक्षित मध्यस्थ द्वारा दोनों पक्ष की सहमति से सुलहनीय वादों का निष्पादन किया जाता है.उन्होंने सभी लोगों से मध्यस्थता के तहत अधिक से अधिक सुलहनीय वादों का निष्पादन कराने की अपील की.जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अधिक से अधिक मामलों का समझौता कराकर और उसे मध्यस्थता केंद्र में लाकर सुलह के आधार पर निष्पादन कराने को कहा.इस अवसर पर एडीजे राजेश कुमार, विश्वनाथ सिंह, सीजेएम शशिभूषण मणि त्रिपाठी, एसीजेएम राजकुमार चौधरी, एसडीजेएम ललन कुमार, मुंसिफ देवराज,प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार,अमरेंद्र कुमार, परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश शिव गोपाल मिश्रा समेत दर्जनों अधिवक्ता मौजूद थे.

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