मध्यस्थता जागरुकता शिविर. बोले जिला एवं सत्र न्यायाधीश
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खर्च रहित है यह प्रणाली
मध्यस्थता जागरुकता शिविर. बोले जिला एवं सत्र न्यायाधीश जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से आयोजित मध्यस्थता जागरुकता शिविर में न्याय की सहज व सरल प्रणाली पर चर्चा की गयी व इसकी विशेषता के बारे में जानकारी दी गयी. जमुई : जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से शनिवार को स्थानीय व्यवहार न्यायालय स्थित न्याय […]
जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से आयोजित मध्यस्थता जागरुकता शिविर में न्याय की सहज व सरल प्रणाली पर चर्चा की गयी व इसकी विशेषता के बारे में जानकारी दी गयी.
जमुई : जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से शनिवार को स्थानीय व्यवहार न्यायालय स्थित न्याय सदन में मध्यस्थता जागरुकता शिविर का आयोजन जिला एवं सत्र न्यायाधीश वायुनंदन लाल श्रीवास्तव की अध्यक्षता में किया गया. मौके पर उपस्थित अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश वायुनंदन लाल श्रीवास्तव ने कहा कि मध्यस्थता विवादों को निबटाने की सरल, निष्पक्ष एवं आधुनिक प्रक्रिया है.
इसके द्वारा विवादों का जल्द से जल्द निबटारा होता है और यह खर्च रहित है. यह मुकदमों के झंझट से मुक्त है और इस प्रक्रिया के तहत न्यायालय पर मुकदमों का बोझ भी कम होता है. उन्होंने कहा कि इसके द्वारा मध्यस्थ अधिकारी दबाव रहित वातावरण में विभिन्न पक्षों के विवादों का निबटारा करते हैं. इस प्रक्रिया के तहत विवाद का हमेशा प्रभावी व सर्वमान्य समाधान होता है तथा न्यायालय का चक्कर लगाने से मुक्ति मिलती है.
यह प्रक्रिया सामाजिक सद्भाव कायम करने में सहायक है और अत्यधिक सरल एवं सुविधाजनक भी है. इस अवसर पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश कुमार, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय विक्रम सिंह, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय, परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश शिव गोपाल मिश्रा, सीजेएम एसबीएन त्रिपाठी, एसीजेएम आरके चौधरी, एसडीजेएम ललन कुमार, मुंसिफ देवराज, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी अमरेंद्र कुमार, संजय कुमार, न्यायालय कर्मी राजेश कुमार सिंह, प्राधिकार कर्मी विनय कुमार, उत्तम कुमार, मनोज कुमार आदि मौजूद थे.
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