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तेतरिया में जगने लगी शिक्षा की अलख
सोनो : प्रखंड के चरकापत्थर थाना क्षेत्र अंतर्गत पश्चिमी-दक्षिणी छोर पर स्थित नक्सल प्रभावित रजौन पंचायत का पिछड़ा इलाका तेतरिया गांव में अब शिक्षा का अलख जगने लगा है़ इस गांव में अभी तक आधे दर्जन से अधिक मैट्रिक उत्तीर्ण युवक व युवतियां है़ ये छात्रा अब अपने गांव के विकास के लिए हर संभव […]
सोनो : प्रखंड के चरकापत्थर थाना क्षेत्र अंतर्गत पश्चिमी-दक्षिणी छोर पर स्थित नक्सल प्रभावित रजौन पंचायत का पिछड़ा इलाका तेतरिया गांव में अब शिक्षा का अलख जगने लगा है़ इस गांव में अभी तक आधे दर्जन से अधिक मैट्रिक उत्तीर्ण युवक व युवतियां है़ ये छात्रा अब अपने गांव के विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है़
इतना ही नहीं लगभग दर्जन भर छात्रा सोनो स्थित कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में अध्ययन कर रही है़ चार दिन पूर्व कस्तूरबा विद्यालय से आठवीं वर्ग की 18 छात्राओं को विद्यालय से विदाई दी गयी जिसमे पांच छात्रा तेतरिया की थी़ विदाई समारोह में भाग लेने तेतरिया से कस्तूरबा विद्यालय पहुंचे अभिभावक मनोज हेम्ब्रम,मोती मुर्मू, बाबूलाल मुर्मू, रामजी सोरेन, चुड़कु मुर्मू ने बताया कि हमलोग शिक्षा से वंचित रहे लेकिन हमारी बच्चियां पढ़ लिख रही है ताकि परिवार व समाज का विकास हो सके़ ये ग्रामीण अपने गांव की बदहाली को बताते हुए कहते है कि हमारा गांव विकास से काफी दूर है़
विकास की नहीं पहुंची थी रोशनी
पहाड़ी क्षेत्र में स्थित लगभग 40-45 घरों वाला आदिवासी समुदाय का यह गांव शुरू से ही उपेक्षित रहा़ शिक्षा का अभाव होने से इस गांव में विकास के संसाधन नहीं के बराबर पहुंच सका़ आज भी यहां बिजली नहीं है़ पेयजल की किल्लत है़ एक मात्र प्राथमिक विद्यालय है जहां शिक्षकों की मनमानी चलती है़ स्वास्थ्य सुविधा का आभाव है़ विकास के नाम पर हाल ही में बना पक्की सड़क व पेय जल के लिए एक दो हैंड पंप यहां के लोगों को नसीब हुआ है़ इस गांव के अधिकांश लोग थोड़े बहुत खेती कर व जंगल से लकड़ियां लाकर जीवन यापन करते है़ खेती के लिए यहां सिंचाई की व्यवस्था नही है़ प्राइमरी स्कूल है परंतु शिक्षकों का अभाव है़ बीमार होने पर कई किलोमीटर दूर निजी ग्रामीण चिकित्सक का सहारा लेना पड़ता है.
प्रशासनिक सोच में आया बदलाव
पहले पुलिस यह मानती थी कि इस गांव के कुछ लोग समाज की मुख्य धारा से भटक गये है़ नक्सलियों की खोज में सुरक्षाकर्मियों द्वारा चलाये जाने वाले सर्च अभियान इस गांव के ईद गिर्द भी रहता था़ परंतु कुछ वर्ष पूर्व तत्कालीन जिलाधिकारी शशिकांत तिवारी व सीआरपीएफ के वरीय अधिकारी इस गांव की पीड़ा को समझे़ इन पदाधिकारियों ने इस गांव में जाकर कार्यक्रम किया व विकास से इस गांव को जोड़ने का वादा किया़
बंगाल की संस्था ने किया था इस गांव का सर्वे: डेढ़ वर्ष पूर्व बंगाल के चाइल्ड स्पोर्ट एंड वी नामक संस्था की ओर से सीसीएफ के प्रोजेक्ट मैनेजर वाचस्पति चौधरी व स्थानीय लाइफ केयर सेंटर के निदेशक डा. एम एस परवाज ने तेतरिया गांव जाकर वहां की स्थिति का सर्वे किया था.जिसकी रिपोर्ट में बच्चों के रहन सहन व शिक्षा व्यवस्था पर चिंताजनक जतायी गयी थी़ सर्वे के दौरान वहां के अभिभावको के साथ बैठक में दोनों ने उन्हें अपने बच्चों को शिक्षित करने के लिए काफी प्रेरित किया था़
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