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शिशु विशेष देखभाल केंद्र बेकार

जमुई : सदर अस्पताल परिसर स्थित नवनिर्मित नवजात शिशु विशेष देखभाल केंद्र चिकित्सकों व कर्मियों के अभाव में बंद पड़ा हुआ है. अस्पताल कर्मियों की माने तो लगभग 22 लाख की लागत से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इसका निर्माण कराया गया है, ताकि गंभीर रूप से बीमार नवजात शिशु को बेहतर इलाज व देखभाल किया […]

जमुई : सदर अस्पताल परिसर स्थित नवनिर्मित नवजात शिशु विशेष देखभाल केंद्र चिकित्सकों व कर्मियों के अभाव में बंद पड़ा हुआ है. अस्पताल कर्मियों की माने तो लगभग 22 लाख की लागत से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इसका निर्माण कराया गया है, ताकि गंभीर रूप से बीमार नवजात शिशु को बेहतर इलाज व देखभाल किया जा सके. किंतु अपने निर्माण के पांच माह बाद भी चिकित्सकों व चिकित्सा कर्मियों के कमी के कारण वर्तमान समय में यह हाथी दांत बन कर रह गया है.
नवजात शिशु देखभाल केंद्र के चालू नहीं होने के कारण लोगों को अपने बीमार नवजात बच्चों के इलाज के लिए यत्र-तत्र ले जाना पड़ता है. वर्ष 2012 के नवंबर माह में दिल्ली की कंपनी टीसीआईएल को इसके निर्माण कार्य का जिम्मा सौंपा गया था और कंपनी द्वारा 2015 के सितंबर माह में इसका निर्माण कार्य पूरा करा कर इसे स्वास्थ्य विभाग को सुपूर्द कर दिया गया है.
कंपनी द्वारा राज्य सरकार के निर्देशानुसार 12 बच्चों को एक साथ इलाज हेतु नवजात शिशु देखभाल केंद्र में एक लाख 39 हजार प्रति यूनिट के हिसाब से कुल 12 यूनिट फोटोथैरेपी मशीन,ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर व रेडियेंट वार्मर लगाया गया है. जबकि 70 हजार की लागत से एक यूनिट बुलरोबिनोमीटर लगाया गया है. वहीं 50 केबी का एक साईलेंट जेनरेटर तथा दो यूनिट एसी भी लगाया गया है.
साथ ही डॉक्टर चैंबर,नर्स चैंबर,ब्रेस्ट फिडिंग यूनिट व लैब भी बनाया गया है.अस्पताल कर्मियों की माने तो इसमें एक शिशुरोग विशेषज्ञ,एक सामान्य चिकित्सक व 6 ग्रेड-ए नर्स का पदस्थापन किया जाना है. फिलहाल चिकित्सक व कर्मियों के कमी के कारण यह हाथी दांत बन कर रह गया है.

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