जमुई : गरीबों, शोषितों, मजदूरों व पीडि़तों की आवाज बन कर उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष स्व.त्रिपुरारी सिंह की 28 वीं पुण्यतिथि सामाजिक एकता दिवस के रूप के मनायी गयी. मौके पर उपस्थित लोगों ने सर्वप्रथम किऊल नदी के किनारे स्थित उनके समाधि स्थल और कचहरी रोड स्थित प्रतिमा स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित किया तथा इसके पश्चात श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया.
उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि 6 अक्तूबर 1930 ई. को त्रिपुरारी बाबू का जन्म शहर के महिसौड़ी स्थित बाबू टोला में एक सामान्य किसान परिवार में हुआ था. उन्होंने 1955 ई. में जमुई व्यवहार न्यायालय में वकालत की शुरूआत किया था. काफी कम समय में वे अपनी मिलनसार प्रवृति और मुफ्त कानूनी सलाह देने के कारण लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो गये थे.
सन 1967 से लेकर 88 तक वे चार बार जमुई विधानसभा क्षेत्र के विधायक, दो बार विधान पार्षद तथा राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष तथा जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर भी आसिन रहे. सन 1978 में उन्होंने खैरा प्रखंड में गरही डैम का निर्माण कराया. जिससे वर्तमान समय में सैंकड़ों गांव के लोग लाभान्वित हैं.
1970 के दशक में सिकंदरा के गहलौर में अनुसूचित जाति/जनजाति की महिलाओं के साथ पुलिसिया जुल्म व दुष्कर्म की घटना को जोरदार तरीके से विधानसभा में उठाया था. वर्ष1984 में उन्होंने सिकंदरा के लछुआड़ में जनता पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन करा कर जमुई को भारत के राजनीतिक मानचित्र पर ला दिया था.वे के.के.एम कॉलेज के संस्थापक सचिव भी रहे.
इस अवसर पर पूर्व मंत्री दामोदर रावत, समाजसेवी अनिल सिंह, विकास प्रसाद सिंह, आइपी गुप्ता, शिशिर दूबे, शौकत अली, भावानंद जी, अरविंद कुमार राव, शिवशंकर चौधरी, सिंधु पासवान, ब्रजेश कुमार वर्णवाल, डा.संजय मंडल, डा.नमिता, रंजीत कुमार सिंह उर्फ गोपाल कुमार सिंह, ब्रह्मदेव रावत, मुजफ्फर आलम, चंद्रदेव सिंह, नवल किशोर सिंह, गजाधर रजक, मो.मोतीउल्लाह, पंकज कुमार सिंह सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे.