सोनो(जमुई) : इसे विडंबना ही कहा जाए कि जो बाबा झुमराज आस्था रखने वाले हजारों श्रद्घालुआंे की मनोकामना पूर्ण करते है. उनकी ही हो रही उपेक्षा पर प्रशासन मौन है़ भीषण गंदगी के बीच श्रद्घालुओं के स्वास्थ्य से हो रहे खिलवाड़ पर न सिर्फ प्रशासन उदासीन रवैया अपनाये हुए है.
बल्कि जनप्रतिनिधियो का भी सार्थक प्रयास इस ओर नही हो रहा है़ सांसद द्वारा एक वर्ष पूर्व जिस झुमराज बाबा के महत्व को ध्यान में रखकर बटिया सहित पूरे दहियारी ग्राम पंचायत को सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित किया था.
उन्ही के मंदिर की विभिन्न समस्याओ पर उन्होंने गंभीरता नहीं दिखाया़ आदर्श ग्राम की घोषणा के वक्त व बाद के दो तीन बैठको में सांसद द्वारा झुमराज स्थान को पर्यटक मानचित्र पर लाकर इसके समग्र विकास की बात की गयी थी़ उस वक्त मंदिर परिसर में तमाम सुविधाओं को लाये जाने की बात की गयी थी़ सफाई को लेकर वादे किये गए थे परंतु एक वर्ष बाद भी अन्य सुविधाएं तो दूर मंदिर परिसर को गंदगी से भी मुक्त नही कराया जा सका़
सफाई का मुद्दा
सप्ताह में तीन दिन के बलि पूजा के दौरान हजारों की संख्या में श्रद्घालु मांसाहार का प्रसाद खाने यहां आते है परंतु स्वच्छता को लेकर बदइंतजामी के कारण ये श्रद्घालु अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित होते है़
भोजन ग्रहण करने में वैसे भी पवित्रता व स्वच्छता का खास ख्याल रखा जाता है और जब बात प्रसाद की हो तो उसे ग्रहण करने में इन मानको का महत्व और भी बढ़ जाता है़ बावजूद इसके प्रशासन स्वच्छता का खास ख्याल न रखकर हजारो लोगो के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही है़
यहां बाबा के भरोसे ही आते है श्रद्धालु
सोनो-बाबा झुमराज मंदिर आने वाले श्रद्घालु बाबा के भरोसे ही यहां आते है़ सुविधाओं के घोर अभाव के बीच उनके मन में कहीं न कहीं एक टीस जरूर रहती है कि प्राकृतिक छटाओं के बीच स्थित इस मंदिर के प्रति प्रशासन या प्रबंधन उदासीन है़ शौचालय, पेशाबखाना, पेयजल, स्नानघर जैसी मूलभूत सुविधा भी यहां नदारद है़ ऐसे में अधिक परेशानी महिला भक्तो को होती है़
पानी की समस्या को दूर करने के लिए कुछ प्रयास अवश्य किये गए परंतु वह भी खानापूर्ति ही साबित हुआ़ यहां श्रद्घालुओं के लिए न तो ठहरने की कोई व्यवस्था है और न ही समुचित छतदार चबूतरे की़ पत्ता व लकड़ी की पतली टहनियों से यहां के ग्रामीण जगह जगह झोपड़ीनुमा छत बना कर लोगो को प्रसाद बनाने का जगह मुहैया करता है और बदले में उनसे फीस लेता है़ सैकड़ों वाहनो से पाकिंर्ग शुल्क तो लिया जाता है
परंतु उन्हें सुविधा के नाम पर सड़क किनारे यत्र तत्र वाहन खड़ा करने की इजाजत मिलती है़ इस तरह के बेतरतीब वाहनों के पाकिंर्ग से जाम की स्थिति बन जाती है़ दूर से आये भक्त को स्नान करने के लिए भी नदी के दूषित पानी का सहारा लेना पड़ता है या फिर सड़क किनारे चापाकल पर स्नान करना पड़ता है़
ये सारी अव्यवस्थाओं को दूर करने के जनप्रतिनिधियो के वादे दम तोड़ रहे है़ं जबकि मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष होने के नाते भी एसडीओ द्वारा कभी व्यवस्था की सुधि नही ली जाती है़ आदर्श ग्राम पंचायत अंतर्गत स्थित ख्यातिप्राप्त झुमराज बाबा मंदिर आज भी उद्घारक का बाट जोह रहा है़