सिकंदरा : थाना क्षेत्र का कुरहाडीह गांव पिछले एक साल से प्रतिशोध की आग में जल रहा है. लेकिन दो महीने में चार हत्याओं के बाद भी पुलिस इस आग को बुझाने में नाकामयाब साबित हो रही है. गौरतलब है कि गत वर्ष 19 दिसंबर 2014 को हुई कुरहाडीह निवासी पूर्व मुखिया कैलाश महतो की हत्या के बाद से ही कुरहाडीह गांव में अवधेश महतो गिरोह व चंदन मिस्त्री गिरोह में खूनी रंजिश शुरू हो गयी है और इन दोनों की इस रंजिश में अब तग कई निर्दोषों की जान जा चुकी है.
19 दिसंबर 2014 को मथुरापुर पंचायत के पूर्व उपमुखिया कैलाश महतो की बेखोफ अपराधियों ने दिनदहाड़े बड़बांध व कुरहाडीह गांव के बीच में गोली मार कर हत्या कर दी. कैलाश महतो की हत्या में कुरहाडीह गांव में ही बानो मिस्त्री,रंजीत मिस्त्री,सिकंदर साव समेत कई अन्य लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया. कैलाश महतो की हत्या के बाद 8-10 महीनों दरम्यान दोनों पक्षों के बीच कई बार गोलीबारी भी हुई. लेकिन किसी की जान नहीं गयी.
लेकिन 17 अक्तूबर को हार्डवेयर व्यवसायी लोसघानी निवासी मदन मिस्त्री की मिर्जागंज से गांव वापस जाते समय कुरहाडीह के समीप गला काट कर हत्या कर दी गयी. हत्या में बाद अपराधियों ने मदन मिस्त्री की गर्दन को गायब कर दिया गया. जिसे पुलिस आज तक बरामद नहीं कर पायी.
मदन मिस्त्री कैलाश महतो हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त चंदन मिस्त्री का साढू था. कैलाश महतो के भाई अवधेश महतो व आनंदी महतो एवं उसके सहयोगी सोफेंद्र महतो समेत कई अन्य लोगों को मदन मिस्त्री की हत्या का आरोपी मान कर चंदन बदला लेने की फिराक में जुट गया.
इसी दौरान 25 अक्तूबर को अवधेश महतो की रिश्तेदार वसंती देवी (70 वर्ष) की कुरहाडीह गांव में सुप्ता अवस्था में गला रेत कर हत्या कर दी गयी. वसंती देवी की हत्या के कुछ दिनों बाद ही 10 नवंबर को कैलाश महतो के एक अन्य सहयोगी कुरहाडीह निवासी कृष्णा महतो की गोली मार कर हत्या कर दी गयी.
इस दौरान मदन मिस्त्री हत्याकांड में फरार चल रहे आनंद महतो ने कुछ अन्य सहयोगियों के साथ न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया. जबकि पुलिस ने अवधेश महतो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. वहीं मंगलवार को अवधेश महतो के पिता बेसर महतो की संदिग्ध अवस्था में मृत पाया गया. ऐसे में पुलिस को जल्द से जल्द दोनों पक्षों के फरार अपराधियों को गिरफ्तार कर बारूद के ढ़ेर पर खड़े कुरहाडीह गांव को जलने से बचाना होगा.