अलीगंज : प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आधुनिकता के इस युग मंे भी सुविधाओं का अभाव है. सुदूर देहाती क्षेत्र होने की वजह से यहां प्राइवेट ना तो नर्सिंग होम है और ना ही कोई अच्छे चिकित्सक. इसके कारण यहां के लोगो को झोला छाप डाक्टरों के भरोसे रहना पड़ता है या फिर नवादा या जमुई जाना पड़ता है. जिसकी दूरी प्रखंड मुख्यालय से लगभग 50 किलो मीटर है.
ऐसे में इमरजेंसी मरीजों का इलाज नहीं हो पाता है. आए दिन इलाज के सुविधाओं के अभाव के कारण अक्सर लोगों की जान खतरे में बनी रहती है और कई लोगो की जानें जा चुकी है. अलीगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन काफी पुराना होने के कारण जर्जर हो चुका है. नये भवन कई वर्षों से बना है लेकिन आजतक अधुरा ही पड़ा है. मरीजो को पुराने भवन में ही इलाज किया जाता है. पुराने भवन छत एवं प्लास्टर झड़ कर गिर रहा है. बरसात के दिनों में छत से पानी पसीजता है.
जिससे अस्पताल में दवाई की कमी एवं मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. नये भवन बनने के बाद प्रखंड वासियों एवं अस्पताल कर्मीयों में यह आस जगी थी. अब इलाज करने एवं रहने में सहूलियत हो पयेगा किन्तु लोगों के संसाधन अभाव में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. खास कर गर्भवती महिलाओं को पुराने जर्जर भवन में ही प्रसव कार्य कराया जाता है. जो कभी भी धाराशायी हो सकता है.
कमरे के अभाव के कारण बंध्याकरण महिलाओं को बरामदे पर रहने को विवष रहना पड़ता है और भवन के अभाव में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. किंतु लोगो के इलाज के लिए आतुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अलीगंज खुद आज भी बीमार है. आज तक यहां सुविधाओं की कमी है. इस स्वास्थ्य केंद्र में एक अरसे से आज तक महिला चिकित्सक की पदस्थापना नही किया गया है. जिससे महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
प्रखंड की डेढ़ लाख आबादी पर मात्र 4 चिकित्सक के भरोसे है. जिससे आप सहज ही अंदाजा लगा सकता है कि लोगों को कितना स्वास्थ्य सुविधा मिल पाता होगा.
इस संबंध में सिविल सर्जन डा. अजीत कुमार ने बताया की डाक्टराें की कमी है जिससे बहाली होने पर ही पूरा किया जा सकता है. लेकिन लोगों को सुविधा मुहैया कराने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. नये भवन के बारे में जानकारियां लेकर उसमे सिफ्ट कराने का प्रयास किया जायेगा .