गिद्धौर : सरकार जहां सुदूर इलाकों में रहने वाले ग्रामीण तबके के लोगों के स्वास्थ्य संबंधी सुधार के लिये तरह-तरह की योजना चला रही है, ताकि आर्थिक तंगी के अभाव में गरीब व लाचार टीवी रोग से ग्रसित स्वास्थ्य रोगियों के दिन प्रतिदिन बिगड़ते स्वास्थ्य की दशा में सुधार लाकर समाज में उन्हें एक बेतहर जिंदगी जीने का अधिकार मिल सके.
इसी प्रयास में दशकों पूर्व गिद्धौर प्रखंड के बीड़ी बाहुल्य इलाके कोल्हुआ पंचायत के महुली गढ़ ग्राम में करीब 36 वर्ष पूर्व गरीब निसहाय मजदूर तबके के लोंगो के असाध्य टीवी रोग के इलाज हेतु जिला रेडक्रॉस सोसाइटी जमुई द्वारा स्थापित टीवी अस्पताल उपेक्षित होकर खुद बीमार हो गया है.
बताते चले कि प्रखंड के महुली गढ़ ग्राम में लगभग पांच एकड़ के भूखंड में जिला रेड क्रॉस सोसाइटी जमुई द्वारा गरीब असहाय व लाचार यक्ष्मा रोग से ग्रसित बीड़ी मजदूरों के इलाज हेतु 26 जून 1978 को तत्कालीन बिहार विधानसभा अध्यक्ष त्रिपुरारी प्रसाद सिंह द्वारा इस अस्पताल के निर्माण की नींव रखी गयी थी. वहीं इस अस्पताल का विधिवत उद्घाटन बिहार के तत्कालीन राज्यपाल श्री कृष्ण बल्लव नारायण सिंह के द्वारा 10 जुलाई 1979 को किया गया था.
तत्कालीन मुंगेर के जिलाधिकारी पीपी शर्मा व जिला रेडक्रॉस सोसाइटी के सदस्यों के प्रयास से गठित चिकित्सक दल द्वारा इस इलाके के टीवी रोग से ग्रसित गरीब मरीजों का समुचित उपचार कर मुफ्त दवा दिया जाता था और यह सिलसिला लगभग कई वर्षों तक निरंतर जारी रहा. लेकिन वर्तमान में यह अस्पताल उपेक्षित हो कर रह गया है.
वर्तमान में यह अस्पताल चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी के अभाव के कारण बदहाल बन कर रह गया है. जिले के किसी जनप्रतिनिधि ने इस अस्पताल को पुर्नजीवित करने को लेकर कोई ठोस पहल नहीं की है. यह यक्ष्मा केंद्र अस्पताल आज शराबियों जुआरियों व आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की शरण स्थली बन कर रह गया है.