सिकंदरा . थाना क्षेत्र के मसौढ़ा गांव से सेवानिवृत्त शिक्षक उमाकांत पांडेय के पुत्र मनीष पांडेय के अपहरण के एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद पुलिस अब तक अपहर्ता गिरोह की पहचान के अलावा कोई और जानकारी हासिल नहीं कर पायी है. अपहरण को लेकर चल रही पुलिस की कार्रवाई भी मंद पड़ गयी है. ऐसे में अपहृत मनीष के परिजनों को अपहर्ताओं द्वारा फिरौती के रूप में मांगी जा रही मुंहमांगी रकम को देने के अलावा कोई चारा नहीं है.
उल्लेखनीय है कि शनिवार की शाम एसपी जयंतकांत ने मसौढ़ा गांव जाकर सैकड़ों ग्रामीणों के बीच अपहृत मनीष पांडेय की सकुशल रिहाई करवा लेने की बात कही थी. लेकिन पुलिस की सुस्त कार्रवाई किसी भी कोण से तेजतर्रार एसपी जयंतकांत के बयान से मेल खाती नहीं प्रतीत हो रही है. सूत्रों की मानें तो पुलिस भी अब परिजनों द्वारा जल्द से जल्द फिरौती की रकम चुका कर मनीष को अपहर्ताओं के चंगुल से छूटने का इंतजार कर रही है.
जानकारी के अनुसार शनिवार को एसपी के मसौढ़ा गांव से लौटने के बाद अपहर्ताओं ने फोन कर सेवानिवृत्त शिक्षक उमाकांत पांडेय से मनीष की रिहाई के बदले दस लाख रुपये की मांग फिरौती के रूप में की थी. इस दौरान अपहर्ताओं ने परिजनों से मनीष को बातचीत भी करवायी थी. फिरोती के रूप में दस लाख रुपये की मांग से अपहृत मनीष के पिता उमाकांत पांडेय सहित पूरा परिवार सदमे में है और अपहर्ताओं से आरजू-मिन्नत कर फिरौती की रकम को कम करवाने के प्रयास में लगे हुए हैं.