भारत में 5 साल के अंदर 1166 छात्रों ने बीच में छोड़ी मेडिकल की पढ़ाई, RTI से हुआ चौंकाने वाला खुलासा,जानें वजह

भारत में पांच सालों में 1166 स्टूडेंट्स ने मेडिकल की पढ़ाई बीच में छोड़ दी है. इसमें सबसे अधिक संख्या पीजी करने वालों की है. पिछले पांच सालों में 1006 एमबीबीएस स्टूडेंट्स ने पीजी की पढ़ाई बीच में छोड़ दी है.

By Prabhat Khabar Print Desk | March 14, 2023 8:14 AM

अनुराग प्रधान, पटना

भारत में पांच सालों में 1166 स्टूडेंट्स ने मेडिकल की पढ़ाई बीच में छोड़ दी है. इसमें सबसे अधिक संख्या पीजी करने वालों की है. पिछले पांच सालों में 1006 एमबीबीएस स्टूडेंट्स ने पीजी की पढ़ाई बीच में छोड़ दी है. वहीं, पिछले पांच सालों में 160 स्टूडेंट्स ने एमबीबीएस की पढ़ाई बीच में छोड़ दी है. यह तथ्य आरटीआइ एक्टिविस्ट डॉ विवेक पांडेय द्वारा मांगी गयी आरटीआइ के जवाब में सामने आया है. नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने इन आंकड़ों को सामने रखा है.

हर साल करीब 300 छात्रों ने छोड़ी पढ़ाई

डॉ विवेक पांडेय कहते हैं कि नीट यूजी व पीजी पास करने के बाद भी स्टूडेंट्स मेडिकल कॉलेजों से पढ़ाई पूरी नहीं कर पा रहे हैं. औसतन प्रतिवर्ष 300 पीजी स्टूडेंट्स बीच में पढ़ाई छोड़ रहे हैं. वहीं, यूजी में प्रतिवर्ष 30 स्टूडेंट्स बीच में पढ़ाई छोड़ रहे हैं. देश में डॉक्टर्स की कमी के बीच ये आंकड़ें चौकाने वाले हैं. पीजी में सबसे अधिक सर्जरी में 114, पीजी ओबीजी में 103 व एमएस इएनटी में 100 लोगों ने बीच में पढ़ाई छोड़ी है. जबकि एनएमसी मेडिकल स्टूडेंट्स पर पढ़ाई का तनाव कम करने की पूरी कोशिश कर रहा है. इसी वजह से एनएमसी ने अपनी नीतियों के तहत पाठ्यक्रम में योग व ध्यान को शामिल किया है.

Also Read: Bihar Budget Session: हंगामेदार होगा आज बिहार विधानसभा, शिक्षक बहाली से लेकर कृषि बिल पर घेरेगी भाजपा

पीजी में बढ़ता है वर्क लोड

एक्सपर्ट ने बताया कि पीजी तक पहुंचते हुए छात्र साढ़े चार साल का एमबीबीएस व एक साल की इंटर्नशिप कर चुके होते हैं. तीन सालों का पीजी बाकी रहता है. पीजी में एडमिशन के साथ ही इन पर वर्क लोड बढ़ जाता है. घंटों तक अस्पतालों में ड्यूटी करने के बाद सही तरीके से पढ़ाई नहीं हो पाती है. शुरुआती सेमेस्टर में बैक लगने से वे परेशान हो जाते हैं.

Next Article

Exit mobile version