Patna News: उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की होगी अब तीन अतिरिक्त जांच, राज्य में नौ फरवरी से होगा लागू

उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की अब तीन अतिरिक्त जांच होगी. आशा मॉनीटरिंग कर ऐसी महिलाओं को इलाज में अधिक सहयोग प्रदान करेगी. नौ फरवरी से नयी योजना को और प्रभावी बनाया जा रहा है.

By Prabhat Khabar | February 7, 2022 7:21 AM

पटना. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने रविवार को कहा है कि उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की अब तीन अतिरिक्त जांच होगी. राज्य में मातृत्व-मृत्यु दर में कमी लाने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) चलाया जायेगा. अब हाइरिस्क प्रसूति वाली महिलाओं को स्वास्थ्य विभाग पहले के मुकाबले और अधिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए प्रसव के पूर्व और बाद में जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की लगातार देखरेख करने के लिए आशा को लगाया जायेगा.

आशा मॉनीटरिंग कर ऐसी महिलाओं को इलाज में अधिक सहयोग प्रदान करेगी. नौ फरवरी से नयी योजना को और प्रभावी बनाया जा रहा है. मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि अब ऐसी हाइरिस्क वाली प्रसूता की पहचान होने के बाद आशा को इन गर्भवती महिलाओं को निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों पर अतिरिक्त तीन विजिट करवाना आवश्यक होगा. इसके लिए प्रति विजिट पर मरीज और आशा को 100-100 की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. इसके अलावा आशा प्रसव के बाद 45वें दिन उनके घर जाकर यह सुनिश्चित करेंगी कि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. इसके बाद आशा को 500 की प्रोत्साहन राशि विभाग की ओर से दी जायेगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नयी गाइडलाइन के अनुसार राज्य में भी इसे नौ फरवरी से लागू कर दिया जायेगा.

कोविड की तीसरी लहर में लगातार खांसी से टीबी का खतरा

देशभर की तरह पटना सहित पूरे बिहार में भी कोरोना का मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है. इस बीच यह बात भी सामने आयी है कि सामान्य मरीजों के मुकाबले कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज अधिक टीबी का शिकार हो रहे हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने तीसरी लहर और पहले के मरीजों में आ रही ट्यूबरक्यूलोसिस (टीबी) के संक्रमण की जानकारी के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को मरीजों के इलाज के लिए संशोधित गाइडलाइन दी है. जिसको देखते हुए प्रदेश में भी इलाज का तरीका बदलने जा रहा है.

Also Read: Corona Virus: बिहार में मिले 295 नये कोरोना पॉजिटिव, 761 हुये ठीक, पटना में दो सक्रमित मरीजों की मौत
संक्रमित मरीजों की दो हफ्ते खांसी तो होगी टीबी जांच

डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना से संक्रमित होने वाले मरीजों के खांसी परेशान कर रही है. यह खांसी दो से तीन हफ्तों से अधिक समय तक भी देखी जा रही है. जो टीबी के लक्षणों में प्रमुख मानी जाती है. यदि दो हफ्ते तक लगातार खांसी होती रहती है तो उसकी जांच करानी चाहिए. लम्बे समय तक चलने वाली खांसी किसी बड़ी बीमारी का कारण या संकेत हो सकती है. इसको देखते हुए अब शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमए, पटना एम्स, एनएमसीएच सहित जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 2 हफ्ते से अधिक संक्रमित मरीजों की टीबी के लिए बलगम की जांच की जायेगी

Next Article

Exit mobile version