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कोरोना से निबटने को प्रशासन ने बनाया मास्टर प्लान

हाजीपुर : देश-दुनिया में कोरोना संक्रमण की भयावह होती तस्वीर व करोड़ों लोगों को खौफजदा करने वाली कोरोना वायरस को लेकर वैशाली जिले के लोगों के लिए यह थोड़ी सी सुकून भरी खबर है कि जिले में अभी तक एक भी कोरोना पॉजीटिव का केस सामने नहीं आया है. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए […]

हाजीपुर : देश-दुनिया में कोरोना संक्रमण की भयावह होती तस्वीर व करोड़ों लोगों को खौफजदा करने वाली कोरोना वायरस को लेकर वैशाली जिले के लोगों के लिए यह थोड़ी सी सुकून भरी खबर है कि जिले में अभी तक एक भी कोरोना पॉजीटिव का केस सामने नहीं आया है. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जिला प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम दिन रात काम कर रही है. कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन ने अब मास्टर प्लान तैयार किया है. साथ ही किसी भी आपात स्थिति से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने भी पूरी तैयारी कर रखी है. यह जानकारी सोमवार को डीएम उदिता सिंह ने मीडिया को दी. प्रेसवार्ता के दौरान डीडीसी विजय प्रकाश मीणा व सिविल सर्जन डॉ इंद्रदेव रंजन भी मौजूद थे. डीएम ने बताया कि किसी भी आपात स्थिति से निबटने के लिए हर संभव तैयारियां की गयी है. 18 होटलों व होस्टलों को चिह्नित किया गया है. यहां अटैच्ड टॉयलेट वाले 270 कमरों को आइसोलेशन वार्ड के लिए तैयार किया गया है.

जिले में मास्क व सैनिटाइजर की अब कमी नहीं है. डॉक्टरों के लिए सौ पीपीई किट उपलब्ध हैं. चूंकि पीपीइ किट सिंगल यूज हैं, इसलिए इन्हें आपात स्थिति के लिए रखा गया है. तत्काल डॉक्टर व एंबुलेंस के चालकों को टोपी वाले रेनकोट उपलब्ध कराये गये हैं, ताकि वे सीधे कोरोना वायरस के टच में न आ पायें. चार श्रेणियों में बांटे गये परदेसी जिले में लॉकडाउन के दौरान विभिन्न राज्यों से आये परदेसियों की जांच व क्वारेंटिन के लिए उन्हें चार श्रेणियों में बांटा गया है. विदेश से आये 50 लोगों की जांच के लिए उनके सैंपल को पटना भेजा गया था, सभी के रिपोर्ट निगेटिव हैं. 29, 30 व 31 मार्च के दौरान बड़ी संख्या में बाहर से लोग आये हैं. उन्हें क्वारेंटिन करने के लिए प्रखंड व पंचायत स्तर पर क्वारेंटिन सेंटर बनाये गये हैं. वहां खाने पीने की व्यवस्था आपदा विभाग की ओर से की गयी है.

लोगों को क्वारेंटिन कराने के लिए प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक भी की गयी है. इसके अलावा 24 मार्च से जो लोग एमपी, दिल्ली, कर्नाटक, केरल राज्यों से आये हैं. उन्हें भी क्वारेंटिन करने के साथ-साथ उनकी मॉनीटरिंग की जा रही है. थ्री लेयर में हो रही क्वारेंटिन की मॉनीटरिंग क्वारेंटिन सेंटर या होम क्वारेंटिन में रहने वाले लोगों की लगातार मॉनीटरिंग व जांच की जा रही है. पहले चरण में आशा उनसे उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेती है. इसके बाद प्रखंड स्तर पर गठित मेडिकल टीम उनके स्वास्थ्य व बीमारी के लक्षणों के विषय में बात करती है. इन दो चरणों के बाद जिला मुख्यालय से भी क्वारेंटिन किये गये व्यक्ति से बात करती है और बीमारी के लक्षण की जानकारी लेती है.

संदिग्ध लक्षण मिलने पर जांच के लिए उनके सैंपल को पटना भेजा जाता है. चूंकि जांच रिपोर्ट आने में 24 से 48 घंटे लग जाते हैं, इसलिए इस अवधि में उन्हें हाजीपुर के फन प्वाइंट रिसोर्ट स्थित क्वारेंटिन सेंटर में रखा जाता है. जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उन्हें 14 दिनों तक क्वारेंटिन करना है. राशन वितरण में गड़बड़ी करने पर 18 पर प्राथमिकी डीएम ने बताया कि मार्च महीने के राशन का 95 प्रतिशत वितरण कर दिया गया है. राशन वितरण में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है. कोताही बरतने पर अभी 18 के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है. उन्होंने बताया कि अप्रैल, मई और जून महीने में व्यापक पैमाने पर लाभुकों के बीच वितरण करना है. 20 अप्रैल तक शत-प्रतिशत उठाव व दस दिनों में शत-प्रतिशत अप्रैल माह के राशन वितरण का लक्ष्य रखा गया है. राशन के लिए आधार आइडेंटिफिकेशन अनिवार्य है. संक्रमण की रोकथाम के लिए पीडीएस दुकानों पर साबुन, हैंडवाश व सैनिटाइजर की व्यवस्था रहेगी.

जिले में मास्क व सैनिटाइजर की अब कमी नहीं है. डॉक्टरों के लिए सौ पीपीई किट उपलब्ध हैं. चूंकि पीपीइ किट सिंगल यूज हैं, इसलिए इन्हें आपात स्थिति के लिए रखा गया है. तत्काल डॉक्टर व एंबुलेंस के चालकों को टोपी वाले रेनकोट उपलब्ध कराये गये हैं, ताकि वे सीधे कोरोना वायरस के टच में न आ पायें. चार श्रेणियों में बांटे गये परदेसी जिले में लॉकडाउन के दौरान विभिन्न राज्यों से आये परदेसियों की जांच व क्वारेंटिन के लिए उन्हें चार श्रेणियों में बांटा गया है. विदेश से आये 50 लोगों की जांच के लिए उनके सैंपल को पटना भेजा गया था, सभी के रिपोर्ट निगेटिव हैं. 29, 30 व 31 मार्च के दौरान बड़ी संख्या में बाहर से लोग आये हैं. उन्हें क्वारेंटिन करने के लिए प्रखंड व पंचायत स्तर पर क्वारेंटिन सेंटर बनाये गये हैं. वहां खाने पीने की व्यवस्था आपदा विभाग की ओर से की गयी है. लोगों को क्वारेंटिन कराने के लिए प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक भी की गयी है. इसके अलावा 24 मार्च से जो लोग एमपी, दिल्ली, कर्नाटक, केरल राज्यों से आये हैं. उन्हें भी क्वारेंटिन करने के साथ-साथ उनकी मॉनीटरिंग की जा रही है. थ्री लेयर में हो रही क्वारेंटिन की मॉनीटरिंग क्वारेंटिन सेंटर या होम क्वारेंटिन में रहने वाले लोगों की लगातार मॉनीटरिंग व जांच की जा रही है.

पहले चरण में आशा उनसे उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेती है. इसके बाद प्रखंड स्तर पर गठित मेडिकल टीम उनके स्वास्थ्य व बीमारी के लक्षणों के विषय में बात करती है. इन दो चरणों के बाद जिला मुख्यालय से भी क्वारेंटिन किये गये व्यक्ति से बात करती है और बीमारी के लक्षण की जानकारी लेती है. संदिग्ध लक्षण मिलने पर जांच के लिए उनके सैंपल को पटना भेजा जाता है. चूंकि जांच रिपोर्ट आने में 24 से 48 घंटे लग जाते हैं, इसलिए इस अवधि में उन्हें हाजीपुर के फन प्वाइंट रिसोर्ट स्थित क्वारेंटिन सेंटर में रखा जाता है. जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उन्हें 14 दिनों तक क्वारेंटिन करना है. राशन वितरण में गड़बड़ी करने पर 18 पर प्राथमिकी डीएम ने बताया कि मार्च महीने के राशन का 95 प्रतिशत वितरण कर दिया गया है. राशन वितरण में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है. कोताही बरतने पर अभी 18 के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है. उन्होंने बताया कि अप्रैल, मई और जून महीने में व्यापक पैमाने पर लाभुकों के बीच वितरण करना है. 20 अप्रैल तक शत-प्रतिशत उठाव व दस दिनों में शत-प्रतिशत अप्रैल माह के राशन वितरण का लक्ष्य रखा गया है. राशन के लिए आधार आइडेंटिफिकेशन अनिवार्य है. संक्रमण की रोकथाम के लिए पीडीएस दुकानों पर साबुन, हैंडवाश व सैनिटाइजर की व्यवस्था रहेगी.

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