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लॉकडाउन के बीच अपने शरीर में खोज रहे कोरोना के लक्षण

हजियापुर के रहने वाले टून्ना दुबे 55 वर्ष के उम्र को पार कर गये है. अचानक 28 मार्च को उनको सांस लेने में तकलीफ होने लगी. वे कोराना का लक्षण मानकर परेशान हो उठे. तत्काल सदर अस्पताल पहुंचे. जहां डॉ कैप्टन एसके झा ने समझाया और एक टेबलेट देकर घर लौटा दिये. दवा खाने के […]

हजियापुर के रहने वाले टून्ना दुबे 55 वर्ष के उम्र को पार कर गये है. अचानक 28 मार्च को उनको सांस लेने में तकलीफ होने लगी. वे कोराना का लक्षण मानकर परेशान हो उठे. तत्काल सदर अस्पताल पहुंचे. जहां डॉ कैप्टन एसके झा ने समझाया और एक टेबलेट देकर घर लौटा दिये. दवा खाने के बाद भी आराम नहीं हुआ तो पटना इलाज करने के लिए परेशान हो उठे. बाद में उनका पुत्र जो मेडिकल का छात्र है उसने गैस की दिया तो आराम हो गया. अब टेंशन मुक्त हो चुके है. केस-दोसरेया वार्ड नं दो की पुष्पा देवी को सर्दी-खांसी व बुखार जैसा मन हो गया. परिवार के लोग उनमें कोरोना का लक्षण देखते हुए अस्पताल ले गये. डॉक्टर ने पेरासिटामोल व कफ सिरप दे दिया. परिवार के लोग तनाव में आ गये. रिश्तेदार को बताने पर वे कोरोना की जांच का सलाह देने लगे. भय के कारण उनसे अलग होकर दूरी बना लिये. 36 घंटे बाद उनको आराम होने लगा. आज बिल्कुल ठीक हो चुकी है.

गोपालगंज : कोरोना के लक्षण बचाव, उससे मरने वालों की तेजी से बढ़ने की खबरें. लॉकडाउन के कारण पिछले 12 दिनों से घरों में कैद लोग खबरियां चैनलों पर बार-बार एक ही खबरों के आने से अब मानसिक रूप से बीमार होने लगे है. कई लोगों पर डिप्रेशन हावी होने लगा है. कोरोना ने लोगों को वहमी भी बना दिया है. घर में बच्चे से लेकर बूढ़े और जवान तक सभी इस बीमारी के नाम से ही चिंतित हैं. माहौल इतना बदल गया है कि आप खांसते या छींकते हैं तो लोग हैरानी से देखते हैं, जैसे हम कोरोना के मरीज हों. सदर अस्पताल के डॉ श्यामा प्रसाद की माने तो इस बीमारी के खौफ से लोग इतने डिप्रेशन में आ गये हैं कि तंदुरुस्त आदमी भी नॉर्मल फ्लू को कोरोना समझ बैठता है. कोरोना संक्रमण लोगों में मानसिक बीमारी बन गया है.

आज जीवन के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ही एक मात्र इलाज होने के कारण समाज और लोगों से अलग हो कर खुद को लॉकडाउन कर रखे हैं, जिसकी वजह से आप अपने आप को कमजोर समझ रहे हैं. फ्लू का मौसमतापमान में हो रही उतार-चढ़ाव के बीच लोग सीजनल फ्लू से पीड़ित हो रहे हैं, उन्हें वे कोरोना वायरस समझ रहे हैं. लोग कोरोना फोबिया से पीड़ित हो चुके हैं. सदर अस्पताल के डॉ सौरभ अग्रवाल की माने तो जरूरी है कि इस बीमारी को हराने के लिए वे अपने शरीर के साथ ही दिमाग भी तंदुरुस्त रखें. इस डिप्रेशन से बाहर आने के लिए आप इन उपायों को अपनाएं जो आपको इस मुश्किल वक्त में राहत देंगे.विशेषज्ञों ने कहा, इनका रखे ध्यान-शरीर को साफ रखने के साथ-साथ दिमाग को भी साफ रखें. दिमाग में किसी भी तरह का गलत ख्याल नहीं आने दें. -आप दोस्तों के साथ अपनों से फोन पर बातें करें. परिवार के साथ बैठ कर खाली वक्त में खेलने में समय वितायें.-कोरोना की खबरों से थोड़ी दूरी कायम करें और मनोरंजन के चैनल देखें. आराम देने वाली चीजें करें

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