36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Pitru paksha 2022: सर्वपितृ श्राद्ध आज,पितरों की कृपा से व्यापार, शिक्षा में आयेगी समृद्धि, जानें विधि

Pitru paksha 2022 - सर्वपितृ श्राद्ध आज है. पितृदोषों से मुक्ति मिलेगी और आत्मसुख बढ़ेगा. तुलसीदल से पिंडदान करने से पितृ पूर्ण तृप्त होकर आशीर्वाद देते हैं. पितरों की कृपा से कार्य व्यापार, शिक्षा में समृद्धि आयेगी और शांति मिलेगी.

गोपालगंज. अमावस्या रविवार को है. इसे सर्वपितृ श्राद्ध अमावस्या कहते हैं. यह दिन पितृपक्ष का आखिरी दिन होता है. अगर आपने पितृपक्ष में श्राद्ध कर चुके हैं, तो भी सर्वपितृ श्राद्ध अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करना जरूरी होता है. इस दिन किया गया श्राद्ध पितृदोषों से मुक्ति दिलाता है. साथ ही अगर कोई श्राद्ध तिथि में किसी कारण से श्राद्ध न कर पाया हो या फिर श्राद्ध की तिथि मालूम न हो तो सर्वपितृ श्राद्ध अमावस्या पर श्राद्ध जरूर करें. वेद विशेषज्ञ पं मुन्ना तिवारी की मानें तो दक्षिणाभिमुख होकर कुश, तिल और जल लेकर पितृतीर्थ से संकल्प करें. जो श्रद्धा पूर्वक करने से पितरों को तृप्त कर देगा और पितृ आशीर्वाद देने के लिए विवश हो जायेंगे. साथ ही आपके कार्य, व्यापार, शिक्षा अथवा वंश वृद्धि में आ रहीं रुकावटें दूर हो जायेंगी.

श्राद्ध कैसे करें

कर्मकांड विशेषज्ञ पं प्रभु दुबे ने बताया कि श्राद्ध करने की सरल विधि है कि जिस दिन आपके घर श्राद्ध तिथि हो, उस दिन सूर्योदय से लेकर 12 बजकर 24 मिनट की अवधि के मध्य ही श्राद्ध करें. प्रयास करें कि इसके पहले ही ब्राह्मण से तर्पण आदि करा लें. श्राद्ध करने में दूध, गंगाजल, मधु, वस्त्र, कुश, अभिजीत मुहूर्त और तिल मुख्य रूप से अनिवार्य है. तुलसीदल से पिंडदान करने से पितर पूर्ण तृप्त होकर आशीर्वाद देते हैं.

श्राद्ध के दौरान इनका करें परहेज

पितरों का श्राद्ध करना हो श्राद्ध तिथि के दिन तेल लगाने, दूसरे का अन्न खाने, और स्त्री प्रसंग से परहेज करें. श्राद्ध में राजमा, मसूर, अरहर, गाजर, कुम्हड़ा, गोल लौकी, बैगन, शलजम, हींग, प्याज-लहसुन, काला नमक, काला जीरा, सिंघाड़ा, जामुन, पिप्पली, कैंथ, महुआ, और चना ये सब वस्तुएं वर्जित हैं.

इसका करें दान

गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण, घी, वस्त्र, अनाज, गुड़, चांदी तथा नमक इन्हें महादान कहा गया है. भगवान विष्णु के पसीने से तिल और रोम से कुश की उत्पत्ति हुई है. अतः इनका प्रयोग श्राद्ध कर्म में अति आवश्यक है. ब्राह्मण भोजन से पहले पंचबलि गाय, कुत्ते, कौएं, देवतादि और चींटी के लिए भोजन सामग्री पत्ते पर निकालें.

ऐसे करें बलि

  • गोबलि – गाय के लिए पत्तेपर ”गोभ्ये नमः” मंत्र पढ़कर भोजन सामग्री निकालें.

  • श्वानबलि – कुत्ते के लिए भी ”द्वौ श्वानौ” नमः मंत्र पढ़कर भोजन सामग्री पत्ते पर निकालें .

  • काकबलि – कौए के लिए ”वायसेभ्यो नमः” मंत्र पढ़कर पत्ते पर भोजन सामग्री निकालें.

  • देवादिबलि – देवताओं के लिए ”देवादिभ्यो नमः” मंत्र पढ़कर और चीटियों के लिए ”पिपीलिकादिभ्यो नमः” मंत्र पढ़कर चींटियों के लिए भोजन सामग्री पत्ते पर निकालें. इसके बाद भोजन के लिए थाली अथवा पत्ते पर ब्राह्मण को भोजन परोसें

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें