मीरगंज / गोपालगंज : महिला सशक्तिकरण को लेकर किये जा रहे दावे के बीच आज भी कुछ ऐसे लोग हैं, जो नारी को अकेला पाते ही सीमा पार करने से नहीं चूकते. ऐसे लोग मजबूर महिला को देखते ही इस्तेमाल की वस्तु समझ कर उसके पीछे पड़ जाते हैं. ऐसी ही एक घटना गोपालगंज में देखने को मिली, जहां मजबूर किशोरी को देखते ही मनचले लड़कों पीछे पड़ गये.
जानकारी के मुताबिक, जिले के बरौली के रुपनछाप गांव की किशोर उम्र की सोनी (काल्पनिक नाम) चाची की प्रताड़ना से तंग आ कर घर छोड़ कर निकल पड़ी. मनचलों की नजर अकेले जाते सोनी पर पड़ गयी. वह किसी तरह बचते-बचाते, दौड़ते-भागते शहर के मेन मार्केट स्थित राज मध्य विद्यालय पहुंची. किशोरी ने सिसकते हुए बताया कि उसके माता-पिता बचपन में ही उसे अकेला छोड़ कर मर गये हैं. उसके बाद से वह चाचा-चाची की देखरेख में जीवनयापन कर रही थी.
इधर, चाची की प्रताड़ना से तंग आ कर वह घर छोड़ कर निकल गयी और भटकते हुए लकड़ी दरगाह पहुंची. वहां से वह मीरगंज पहुंची. लकड़ी दरगाह से ही उसके पीछे पड़ गये. मनचलों की छेड़खानी और गलत इरादों से बचने को वह राज मध्य विद्यालय में भाग कर गयी. साथ ही रसोइया और शिक्षकों सहित पार्षद सतेंद्र कुमार के साथ-साथ स्थानीय लोगों को आपबीती सुनायी. उधर, कुछ लोगों का कहना था कि मनचलों को पुलिस के हवाले करना चाहिए था. वहीं, पुलिस ने मामले की जानकारी होने से इनकार किया है.
मजबूर किशोरी शिक्षकों व स्थानीय लोगों की जागरूकता के कारण पीछे पड़े मनचले लड़कों के खतरनाक इरादों से बाल-बाल बच गयी. लोगों ने किशोरी को शरण देकर उसको ढांढ़स बंधाया और पीछे पड़े मनचलों को डांट-फटकार कर भगाया.