29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

नहीं काम आयी 11 दिनों की मेहनत, देखते देखते गंडक नदी में समाया आंगनबाड़ी केंद्र

गोपालगंज : बिहार के गोपालगंज में गंडक नदी से बाढ़ के बाद अब कटाव का खतरा बढ़ गया है. कुचायकोट प्रखंड के विशंभरपुर में आंगनबाड़ी केंद्र का भवन आधी रात को कुछ ही सेकेंड में तास की पत्तों की तरह भरभरा कर नदी में समा गया.

गोविंद कुमार. गोपालगंज : बिहार के गोपालगंज में गंडक नदी से बाढ़ के बाद अब कटाव का खतरा बढ़ गया है. कुचायकोट प्रखंड के विशंभरपुर में आंगनबाड़ी केंद्र का भवन आधी रात को कुछ ही सेकेंड में तास की पत्तों की तरह भरभरा कर नदी में समा गया. इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे आंगनबाड़ी केंद्र का भवन नदी में समा रहा है. स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक अहिरौलीदान- विशुनपुर बांध पर गंडक नदी का कटाव तेज होता जा रहा.

11 दिनों से चल रहा था बचाने का प्रयास

जिले के प्रमुख स्थलों पर नदी की स्थिति को देखें तो विशंभरपुर- 62 सेमी नीचे, पतहरा- 88 सेमी नीचे, डुमरिया- 91 सेमी नीचे, प्यारेपुर- 1.00 मीटर नीचे है. नदी के कटाव के बेकाबू होने से विशंभरपुर आंगनबाड़ी केंद्र को बचाने में पिछले 11 दिनों से जंग लड़ रहा विभाग लाचार हो चुका है. भवन का पूरा हिस्सा नदी में समा गया. आंगनबाड़ी के भवन को बनाने में वर्ष 2006-07 में 1.8 लाख की लागत बनाया गया. वर्ष 2013 से आंगनबाड़ी में बच्चों की पढ़ाई बंद हो गया. जबकि 2015 में गाइडबांध बनाये जाने के दौरान बांध के अंदर आंगनबाड़ी भवन चला गया.

पिछले 11 दिनों में 1.5 करोड़ से अधिक की राशि पानी में बहाया

लावारिस इस भवन को बचाने के नाम पर विभाग का 15 लाख से अधिक की राशि पानी बहाया जा चुका है. नदी की उग्र विभाग की ओर से कराये जा रहे बचाव कार्य को अपने आगोश में समेट ले रही. अहिरौलीदान- विशुनपुर बांध को बचाने के नाम पर पिछले 11 दिनों में 1.5 करोड़ से अधिक की राशि पानी में बहाया जा चुका है. इसके अलावा पूर्व में कराये गये प्रोटेक्शन वर्क भी नदी में समा चुका है. विभाग का टेंशन कटाव के कारण बढ़ा हुआ है.

23 अगस्त से शुरूहुआ था कटाव

ग्रामीणों का आरोप है कि आंगनबाड़ी पर कटाव 23 अगस्त से शुरू हो गया. नदी जब कटाव करते केंद्र के करीब पहुंची तो 26 अगस्त से यहां बचाव कार्य शुरू किया गया. वह भी कछुआ की चाल से. नतीजा है कि उसे बचा पाना विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन गयी है. हालांकि बाढ़ एक्सपर्ट अधीक्षण अभियंता रविशंकर ठाकुर, कार्यपालक अभियंता महेश्वर शर्मा,सहायक अभियंता अजय किशोर शर्मा,कनीय अभियंता विभाष कुमार गुप्ता, सरोज कुमार ,म मजीद की टीम ने हो रहे कटाव व युद्ध स्तर पर चल रहे बचाव कार्य में जुटे है. बांध को अभियंता सुरक्षित बता रहे.

बांध को अब बचाने की चुनौती

आंगनबाड़ी केंद्र नदी के कटाव को देख ग्रामीणों का मानना है कि नदी के कटाव से अब बांध को बचाने की चुनौती है. बांध के करीब नदी के कटाव होने से स्थिति को गंभीर बता रहे. बांध को कटाव से बचाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कराने के जगह काफी धीरे से कराने से स्थिति बिगड़ता चला गया. बार-बार कहने के बाद भी विभाग ने गंभीरता से नहीं लिया. मैटेरियल की काफी कमी होने के कारण बचाव कार्य कराने में विभाग लाचार बना रहा. ग्रामीणों ने इसे लिए प्रशासन के अधिकारियों से लेकर विभाग तक से अपील किया. ग्रामीणों के शिकायत पर अभियंताओं ने सपष्ट कर दिया कि बांध पूरी तरह सुरक्षित है. जबकि इलाके के लोग अब दहशत में आ गये है.

टूटे हुए बांध को विभाग ने किया क्लोज

गंडक नदी के जलस्तर के घटने के बाद से जलसंसाधन विभाग की टीम ने 12 स्थानों पर टूटे हुए तटबंध को विभाग ने क्लोज कर लिया. अब बांध को मजबूत करने में विभाग जुटा है. नदी के अपने गर्भ में लौटने के बाद बांध को बांधने में जुटे अभियंताओं ने भैसही- पुरैना तटबंध, देवापुर सारण मुख्य तटबंध, बैकुंठपुर के बंगरा, पकहां कृतपुरा, मडवा समेत सभी टूटे हुए बांध को विभाग ने करा लेने का दावा किया है. विभाग का मानना है कि अब नदी के जलस्तर के घटने से बचाव कार्यों के लंच करने की संभावना को लेकर अलर्ट किया गया है. ताकि उसे समय पर रिस्टोर करा लिया जाये.

posted by ashish jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें