गंडक के दबाव को खत्म करने के लिए डुमरिया घाट पुल के नीचे जमे सिल्ट को हटायेगा विभाग

गंडक नदी के प्रेशर को खत्म करने के लिए डुमरिया घाट पुल के नीचे जमा सिल्ट को हटाने का आदेश जलसंसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख नंद कुमार झा ने दिया है. अब जलसंसाधन विभाग के पास 15 जून तक हर हाल में सिल्ट को हटाने की चुनौती है.

By Prabhat Khabar Print | May 26, 2024 9:49 PM

गोपालगंज. गंडक नदी के प्रेशर को खत्म करने के लिए डुमरिया घाट पुल के नीचे जमा सिल्ट को हटाने का आदेश जलसंसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख नंद कुमार झा ने दिया है. अब जलसंसाधन विभाग के पास 15 जून तक हर हाल में सिल्ट को हटाने की चुनौती है. सिल्ट की सफाई होने से नदी का बहाव अपने हिसाब से होने लगेगा. तटबंधों पर दबाव घटेगा. विभाग के इंजीनियरों को भी काफी राहत मिलेगी. बता दें कि जल संसाधन विभाग ने भी माना कि डुमरिया पुल के नीचे 13 विंड में से महज पांच से ही नदी का बहाव हो रहा. सिल्ट जमा होने के कारण बहाव रुकने के साथ ही बांध पर दबाव बढ़ जाता है. डुमरिया पुल के पश्चिम सिधवलियां, बरौली, मांझा, सदर व कुचायकोट ब्लॉक में तटबंधों पर दबाव बढ़ जाता है. इससे 2.16 लाख की आबादी पर बाढ़ का खतरा मंडराता है. वर्ष 2022 में पानी का डिस्चार्ज 4.25 लाख क्यूसेक पहुंचते ही सिधवलिया में तटबंध टूट गया था. उसके बाद तत्कालीन डीएम नवल किशोर चौधरी ने विभाग को डुमरिया घाट के सिल्ट को हर हाल में सफाई करने के लिए पत्र दिया. विभाग के स्तर पर अब तक ठोस निर्णय नहीं लिया गया था. इस बार अभियंता प्रमुख जब मुख्य अभियंता योजना व मॉनीटरिंग संजय ओझा के साथ पहुंचे तो डुमरिया घाट में पुल के नीचे के सिल्ट को पांच सौ मीटर में साफ कराने की मंजूरी दी ताकि पानी का बहाव रुके नहीं. जलसंसाधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि डुमरिया घाट में पुल के नीचे जमा सिल्ट को साफ कराने के लिए एनएचएआइ को दूसरे लेन की पुल बनाने के दौरान एनओसी में शर्त के साथ दिया गया था. वर्ष 2023 में एनएचएआइ ने सिल्ट की सफाई करने से हाथ खड़ा कर लिया. उसके बाद खनन विभाग को जिम्मेदारी सौंपी. खनन विभाग की ओर से भी कोई वर्क नहीं किया जा सका. इससे खतरा बरकरार रहा. जिले के तटबंधों पर आठ वीक प्वाइंट को देखते हुए बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा. 38 करोड़ के योजना पर वर्क को पूरा कराने में अब मजदूरों की संकट बड़ी समस्या बनी है. डीपीआर तैयार कर जलसंसाधन विभाग को मंजूरी लेने के बाद चुनाव आयोग को भेजा गया था. मंजूरी में हुए लेट के कारण 15 जून तक काम को पूरा करने की बड़ी चुनौती है. कार्यपालक अभियंता प्रमोद कुमार ने बताया कि डुमरिया नदी से पानी का खिंचाव बेहतर हो, इसके लिए टेक्निकल व वैज्ञानिक तकनीकी से सिल्ट को साफ कराने की तैयारी चल रही है. इस बार नदी की धारा को सिल्ट नहीं रोके, इसपर काम हो रहा है.

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