गंदगी से शहर बीमार, नगर सरकार करे इलाज

सड़कों पर फैले कचरे से निकल रही असहनीय बदबू, नाली-सड़क का भी नहीं रखा जा रहा ख्याल गोपालगंज : नगर निकाय चुनाव के परिणाम के बाद नयी नगर सरकार बनने जा रही है. शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने की जिम्मेवारी 78 वार्ड पार्षदों पर है. शहर 20 साल से विकास के लिए कराह रहा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 25, 2017 4:41 AM

सड़कों पर फैले कचरे से निकल रही असहनीय बदबू, नाली-सड़क का भी नहीं रखा जा रहा ख्याल

गोपालगंज : नगर निकाय चुनाव के परिणाम के बाद नयी नगर सरकार बनने जा रही है. शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने की जिम्मेवारी 78 वार्ड पार्षदों पर है. शहर 20 साल से विकास के लिए कराह रहा है. इस बार के चुनाव में जनता ने अधिकतर पुराने वार्ड पार्षदों को जीता कर उन पर अपना भरोसा जताया है. लोगों को उनसे इन पांच वर्षों में काफी उम्मीदें हैं.
अधूरे कार्यों को पूरा कराना नवनिर्वाचित वार्ड पार्षदों की जिम्मेवारी भी है. शहर में सबसे बड़ी समस्या सड़क जाम की है. नेशनल सर्वे के आंकड़े गवाह हैं. शहर को गंदगी ने बीमार कर दिया है. इस शहर की आबोहवा को गंदगी और कचरे ने बीमार कर रखा है. इसके पीछे सड़क पर जहां-तहां फैले कचरे के बीच सूअरों की धमाचौकड़ी, असहनीय बदबू, सड़कों पर आवारा कुत्तों का आतंक इसके प्रमुख कारण हैं. नगर पर्षद के सामने शहर की अपेक्षाओं के अनुरूप खरा उतरने की बड़ी चुनौती होगी.
शहर के लिए बने नियम-कानून का पालन नहीं हो रहा है. इससे लोग बिना नक्शा पास कराये आलीशान मकान बना रहे हैं. नाली, सड़क और पानी निकासी, हवा आदि का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है. शहर की सड़क और नालियों पर जहां मन किया, वहीं दुकान लगा कर अतिक्रमण कर लिया गया है. इतना ही नहीं, गांव की तरह सड़कों पर जहां-तहां वाहनों को पार्क किया जा रहा है, जिससे पूरा शहर जाम की समस्या से जूझता है. नगर सरकार नियमों का पालन नहीं करा पा रही है. इसके कारण शहर का विकास ठहर-सा गया है. प्लान-वे में विकास नहीं
गंदगी से शहर बीमार…
होने से शहर गांव से भी बदतर स्थिति में है. शहर में रहनेवाले नागरिक भी कानून को नहीं मानते हैं. कचरा रखने के लिए कूड़ादान जरूर मिला है, लेकिन कचरा सड़क और नालियों में आज भी डाला जा रहा है. उसमें से निकल रही बदबू ने पर्यावरण को खतरे में डाल दिया है. नगर सरकार को इन समस्याओं को दूर करना होगा. इसके लिए पुख्ता प्लानिंग के साथ संसाधनों का उपयोग करना होगा. इसके साथ ही आम लोगों को भी जागरूक करना होगा, ताकि वे अपने कर्तव्यों को समझकर शहर के विकास में योगदान दें. जब तक आम नागरिक एक कदम आगे बढ़ कर हम अपनी जिम्मेवारी को नहीं समझेंगे तब तक इस दुर्दशा से निबटना मुश्किल होगा.
सड़कों पर अतिक्रमण से लगता है जाम
गलियों और सड़कों पर फैली गंदगी
जलनिकासी की समुचित व्यवस्था नहीं
बिना नक्शे के खड़े किूूये जा रहे आलीशान मकान

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