पोस्टमार्टम से कतराते हैं डॉक्टर

पोस्टमार्टम के इंतजार में होना पड़ रहा उत्पीड़न का शिकार गोपालगंज : यहां पोस्टमार्टम करने से धरती के भगवान डर रहे हैं. नामित डॉक्टर निजी क्लिनिक का काम खत्म करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए पहुंचते हैं. तब तक पोस्टमार्टम के इंतजार में लोगों को यातना का सामना करना पड़ता है. तीन-तीन घंटे इंतजार के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 20, 2017 12:41 AM

पोस्टमार्टम के इंतजार में होना पड़ रहा उत्पीड़न का शिकार

गोपालगंज : यहां पोस्टमार्टम करने से धरती के भगवान डर रहे हैं. नामित डॉक्टर निजी क्लिनिक का काम खत्म करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए पहुंचते हैं. तब तक पोस्टमार्टम के इंतजार में लोगों को यातना का सामना करना पड़ता है. तीन-तीन घंटे इंतजार के बाद डॉक्टर से आरजू-विनती पर पोस्टमार्टम हो पा रहा है.
यहां तक कि अस्पताल के अधिकारियों के भी डॉक्टर नहीं सुनते हैं. उपाधीक्षक की पहल पर भी डॉक्टर कतराते हैं. भोरे से नवजात के शव पहुंचने पर दूसरे दिन सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया. वहीं, पिछले सप्ताह अस्पताल के बर्न वार्ड में जादोपुर की महिला की जल कर मौत होने हो गयी. दोपहर बाद डॉक्टरों ने शव का पोस्टमार्टम किया. ताजा मामला थावे में ट्रेन से कट कर युवक की मौत का है, जहां दूसरे दिन शव का पोस्टमार्टम किया गया.
लावारिस शव रखने की नहीं है व्यवस्था
पोस्टमार्टम करने में एकाद डॉक्टर कतराते हैं. बाकी डॉक्टर पोस्टमार्टम में पीछे नहीं हटते. पोस्टमार्टम में कहीं कोई परेशानी होती है, तो मैं खुद हैंडिल कर उसे निबटाता हूं.
डॉ मधेश्वर प्रसाद शर्मा, सिविल सर्जन, गोपालगंज
इमरजेंसी में होता है पोस्टमार्टम
सदर अस्पताल के इमरजेंसी में पोस्टमार्टम किया जा रहा है. किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मामला हो, तो इमरजेंसी वार्ड में पोस्टमार्टम कर दिया जाता है या रात में किसी मौत पर बवाल होने की अंदेशा पर इमरजेंसी के वार्ड में भी डीएम से आदेश लेकर पोस्टमार्टम कर दिया जाता है. इमरजेंसी वार्ड में पोस्टमार्टम होने से यहां भरती मरीजों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. कई मरीजों में संक्रमण का भी खतरा बना रहता है.

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