हिंदी में लिख चुके हैं टेक्नोलॉजी की कई किताबें
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सुरेश को मिला आत्माराम सम्मान
हिंदी में लिख चुके हैं टेक्नोलॉजी की कई किताबें अबतक मिल चुके हैं कई पुरस्कार गोपालगंज : हिंदी के क्षेत्र में सुरेश ने जिले का मान बढ़ाया है. जिले के लाल को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आत्माराम सम्मान से नवाजा. यह सम्मान केंद्रीय हिंदी शिक्षण संस्थान द्वारा हिंदी के क्षेत्र में उत्कृष्ट […]
अबतक मिल चुके हैं कई पुरस्कार
गोपालगंज : हिंदी के क्षेत्र में सुरेश ने जिले का मान बढ़ाया है. जिले के लाल को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आत्माराम सम्मान से नवाजा. यह सम्मान केंद्रीय हिंदी शिक्षण संस्थान द्वारा हिंदी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान को लेकर दिया गया है. सुरेश तिवारी वर्तमान में सेल के अध्यक्ष हैं. वह मांझागढ़ थाने के आलापुर गांव के रहनेवाले हैं. किसान परिवार में जनमे तिवारी की प्रारंभिक शिक्षा मिश्रवलिया और माधव हाइस्कूल, मांझा से हुई.
स्व गौरीशंकर तिवारी और जयमति देवी ने अपनी सीमित आय में बेटे को शिक्षा देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा. तिवारी बीएचयू से मेकैनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की. एमटेक करने के बाद वे स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया में कार्यरत हैं. सुरेश तिवारी ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के कई विषयों पर अपने शोध हिंदी में लिख कर न एक कीर्तिमान स्थापित किया है, बल्कि तकनीकी क्षेत्र में हिंदी को एक ऊंचाई दी है.
अब तक पा चुके हैं कई सम्मान : आत्माराम पुरस्कार पाने से पूर्व सुरेश को कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. वर्ष 2011 में बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री द्वारा उन्हें साहित्य सम्मान दिया गया. वर्ष 2009 में तत्कालीन राष्ट्रपति ने इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार से सम्मानित किया. वर्ष 2008 में हिंदी अकादमी दिल्ली द्वारा साहित्यकार सम्मान तथा इस्पात मंत्रालय विज्ञान एवं प्रौद्याेगिकी विभाग द्वारा विशेष सम्मान से नवाजा जा चुका है
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