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चीनी मिल मामले में पीएम करें हस्तक्षेप
फुलवरिया में किसानों के संपर्क में जुटे नेता गन्ना किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी भोरे/फुलवरिया : बजाज ग्रुप की प्रतापपुर चीनी मिल बंद होने के बाद अब किसान आंदोलन का रुख अख्तियार कर चुके हैं. किसानों ने इस संबंध में पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की […]
फुलवरिया में किसानों के संपर्क में जुटे नेता
गन्ना किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी
भोरे/फुलवरिया : बजाज ग्रुप की प्रतापपुर चीनी मिल बंद होने के बाद अब किसान आंदोलन का रुख अख्तियार कर चुके हैं. किसानों ने इस संबंध में पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. किसान संघ के अध्यक्ष ददन तिवारी ने बताया कि बजाज ग्रुप के मालिक कुशाग्र बजाज द्वारा पेराई सत्र 2014-15 की समाप्ति के बाद चीनी मिल बंद करने की घोषणा के साथ 150 कर्मियों को सेवामुक्त कर दिया, जिनमें चार जीएम शामिल हैं.
किसानों ने पत्र में कहा है कि सीवान-गोपालगंज एवं देवरिया की सीमा पर स्थित बजाज हिंदुस्तान प्रतापपुर चीनी मिल सीमावर्ती किसानों के अर्थ का मुख्य साधन था. प्रतापपुर चीनी मिल द्वारा सीवान-गोपालगंज के 744 गांवों के गन्ने की खरीद की जाती थी. किसानों ने मांग की है कि प्रतापपुर चीनी मिल का अधिग्रहण कर सरकार उसे स्वयं चलाये एवं बजाज ग्रुप द्वारा किसानों के भुगतान को सुनिश्चित कराये. वहीं, फुलवरिया संवाददाता के अनुसार, प्रतापपुर चीनी मिल के बंद होने की खबर सुन कर किसान हतोत्साहित हैं.
किसानों के चेहरे पर उदासी देखने को मिल रही है. किसान विपिन सिंह, सुदामा चौधरी, बिरझन सिंह, नागेंद्र सिंह, दिलीप सिंह, अजय सिंह ने बताया कि सरकार किसानों के हित में काम नहीं कर रही है. प्रतापपुर चीनी मिल बंद हो जाने के बाद हम कहीं के नहीं रह जायेंगे.
अगर मिल पुन: चालू नहीं करायी गयी, तो किसान आंदोलन को मजबूर होंगे. किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष विवेक तिवारी ने प्रखंड के कई गांवों में भ्रमण कर किसानों से इस बारे में चर्चा की.
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