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गंडक के तटबंध पर खतरा

गोपालगंज : जिले में गंडक नदी उफनाने लगी है. नदी में कटाव से खाप मकसुदपुर के पास करोड़ों रुपये खर्च कर कराया गया बचाव कार्य नदी में समा गया. पतहरा तटबंध पर सिहोरवा ढाले के पास कटाव से खतरा उत्पन्न हो गया है. बचाव कार्य नदी में समा जाने से बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों […]

गोपालगंज : जिले में गंडक नदी उफनाने लगी है. नदी में कटाव से खाप मकसुदपुर के पास करोड़ों रुपये खर्च कर कराया गया बचाव कार्य नदी में समा गया. पतहरा तटबंध पर सिहोरवा ढाले के पास कटाव से खतरा उत्पन्न हो गया है. बचाव कार्य नदी में समा जाने से बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों की नींद हराम हो गयी है. बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष जवाहर राय, अधीक्षण अभियंता बासुकी नाथ प्रसाद के नेतृत्व में अभियंताओं की टीम ने मौके पर पहुंच कर पूरी स्थिति की जानकारी ली. सिहोरवा में बचाव कार्य तेज कर दिया गया है.
मसान थाने से मकसुदपुर तक चार किमी नदी की धार को रोकने के लिए दो जून तक बांस पायलिंग कर जीवों बैग से बचाव कार्य किया गया था. इस बीच 26 जून को गंडक नदी में अचानक 77 हजार क्यूसेक डिस्चार्ज होने से नदी का कटाव तेज हो गया. देर रात मकसुदपुर गांव के पास करोड़ों रुपये का बचाव कार्य नदी में समा गया.
कटाव को रोकने में बांस पायलिंग का प्रयोग विफल हो गया है. नदी तबाही मचाने को आतुर है. गनीमत है कि नदी का डिस्चार्ज एक लाख से कम है अन्यथा 215 गांवों में बाढ़ से इनकार नहीं किया जा सकता.
अधीक्षण अभियंता बासुकी नाथ प्रसाद ने बताया कि सिहोरवा ढाले पर कटाव से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है, जबकि गंडक नदी के किनारे बचाव कार्य नदी में समाने की घटना की जांच की गयी. उनके निर्णय के अनुरूप बचाव कार्य को कराया जायेगा.

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