-कर्मियों का आरामगाह बना है विभाग -मरीजों को भरती करने के बजाय किया जाता है रेफर-हाल सदर अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष का फोटो नं-20,21संवाददाता, गोपालगंजदिन के तीन बजे हैं . सदर के गहन चिकित्सक कक्ष के तीन रूम में ताले लटके हैं . एक रूम में मिलती हैं प्रिया श्रीवास्तव. वे बताती हैं कि मैं मरीज हूं, मेरा सिजरियन ऑपरेशन हुआ है. यहां इनके साथ इनकी मां हैं. बरामदे में एक बाइक जरूर लगा है, लेकिन कोई कर्मी नहीं हैं. ये हाल है सदर अस्पताल के आइसीयू का, जहां ढ़ूंढने से भी नर्स मिलते हैं और न डॉक्टर. जिला के सदर अस्पताल में जब आइसीयू यूनिट की व्यवस्था की गयी, तो लोगों में एक बड़ी उम्मीद जगी कि अब बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी. लेकिन, सघन चिकित्सक कक्ष खुलने के साथ ही यह मात्र दिखावे का रह गया है. आधे घंटे तक रूकने के बाद भी यहां कोई नहीं आया. कब यहां डॉक्टर आते हैं और कब नर्स रहती है. कहना मुश्किल है. मरीजों का कहना है कि यहां भरती करने के बजाय रेफर कर दिया जाता है, ऐसी व्यवस्था से लोगों में मायूसी है. एक नजर में आइसीयू की व्यवस्था डॉक्टर – तीन एएनएम ग्रेड – चार नर्स – दोचार दिन में मरीज भरती- एकस्टाफ की उपस्थिति -0क्या कहते हैं उपाधीक्षक ” आइसीयू की व्यवस्था में कोई कमी नहीं है. वर्तमान में एक मरीज है. नर्स और अन्य स्टाफ रहते हैं. यदि ड्यूटी से कोई गायब है, तो उस पर कार्रवाई की जायेगी. ऐसा प्रयास रहता है कि किसी भी मरीज को परेशानी न हो तथा सुविधा का भरपूर लाभ मिले. डॉ पीसी प्रभात उपाधीक्षक, सदर अस्पताल ,गोपालगंज
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आइसीयू में नर्स-डॉक्टर ढूंढ़ते रह जाओगे
-कर्मियों का आरामगाह बना है विभाग -मरीजों को भरती करने के बजाय किया जाता है रेफर-हाल सदर अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष का फोटो नं-20,21संवाददाता, गोपालगंजदिन के तीन बजे हैं . सदर के गहन चिकित्सक कक्ष के तीन रूम में ताले लटके हैं . एक रूम में मिलती हैं प्रिया श्रीवास्तव. वे बताती हैं कि […]
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