* हाल ही में हुआ था दादी का श्रद्धकर्म
* ..और मौत ने मजबूर किया स्कूल जाने पर
गोपालगंज : ..यह महज संयोग ही था कि मौत ने स्कूल जाने पर शिक्षिका प्रीति शाही को मजबूर कर दिया था. घटना क्रम पर नजर डालें तो स्पष्ट होगा कि प्रीति शाही पिछले कई दिनों से अस्वस्थ चल रही थी.
इस बीच उनके घर दादी का निधन में हुए श्रद्ध क्रम के दौरान पूरा काम का बोझ के बीच प्रीति काफी अस्वस्थ थी. प्रीति सुबह सात बजे अपने विद्यालय के प्रधानाध्यापक को मोबाइल पर बीमार होने की सूचना देकर छुट्टी मांग चुकी थी. इस बीच गांव बलथरी से सूचना बुलावा के लिए आया.
प्रीति ने पुन: प्रधानाध्यापक को खबर किया कि मुझे गांव जाना है. मैं विद्यालय आ रही हूं पढ़ा कर ही घर जाऊंगी. यह खबर देकर अपने बच्चों को स्कूल बस में बैठा कर तेजी से तैयार हुई और स्कूल चल पड़ी. जैसे ही पंप के पास पहुंची की ट्रक की चपेट में आ गयी और घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गयी.
* अब कौन करेगा बच्चों की परवरिश
प्रीति शाही अपने घर की इकलौती महिला थी. प्रीति गांव के पास ही कुचायकोट के खैरटिया स्कूल में शिक्षिका के पद पर कार्यरत थी. छह अप्रैल को अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के उद्देश्य से शहर के नजदीक कुचायकोट प्रखंड के हेमबरदाहा मध्य विद्यालय में अपना तबादला करा लिया.
बच्चों में जैय श्री नौ वर्ष को डीएवी पब्लिक स्कूल थावे में तथा दूसरा आदित्य पांच वर्ष को शहर के एक निजी विद्यालय में एडमिशन करा कर पढ़ाने लगी. प्रीति का सपना था कि उनका बेटा आइएएस अफसर बने. इस सपने को लेकर पूरा परिवार संघर्ष में था, लेकिन इश्वर को कुछ और ही मंजूर था. अब चिंता इस बात की है कि मासूमों को कौन पालेगा.
* घटना से चिंतित हैं शिक्षक
शिक्षिका प्रीति शाही की मौत से शिक्षकों में मायूसी छायी हुई हैं. कई विद्यालयों में छुट्टी कर दी गयी. इस घटना से परिजनों पर ही नहीं बल्कि पूरे शिक्षकों पर भी गहरा असर पड़ा है. शांत स्वभाव की रहनेवाली शिक्षिका से आज तक किसी से तू -तू- मैं- मैं तक नहीं हुआ था. मौत ने झकझोर कर रख दिया है, जो जहां सूना वहीं मायूस हो गया. शिक्षकों की मांग है कि तत्काल प्रशासन ट्रक चालक को गिरफ्तार करें तथा ठोस कार्रवाई करे.