नहीं है एंटी रैबीज सूई, मरीज परेशानसंवाददाता, भोरे स्वास्थ्य विभाग चाहे लाख सुधार का दावा कर ले, लेकिन अगर इस महकमे के भरोसे लोग रहे तो, उनका मर्ज जरूर बढ़ जायेगा. कुछ ऐसा ही हाल भोरे रेफरल अस्पताल का है. यह अस्पताल भगवान भरोसे है. रेफरल अस्पताल के प्रभारी अपने को असहाय मानते हंै. ऐसे में इस अस्पताल की स्थिति का अंदाजा आप स्वयं ही लगा सकते हैं. अस्पताल के अहाते में पसरी गंदगी, बजबजाती नालियां एवं भिनभिनाते मच्छर यह बताने के लिए काफी है कि इस अस्पताल में साफ-सफाई कितनी है. हाल ही में गोपालगंज के डीएम कृष्ण मोहन ने अस्पताल की दुर्दशा को देख कर स्वास्थ्य प्रबंधक के वेतन पर रोक लगाते हुए फटकार भी लगायी थी, लेकिन स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया. आपको यह जान कर आश्चर्य होगा कि आपदा के समय भोरे रेफरल अस्पताल में मरीजों की संख्या शून्य थी, लेकिन निजी क्लिनिकों में जगह तक खाली नहीं मिल रही थी. अगर दुर्भाग्य से आपको कुत्ता काट ले और आपकी जेब में पैसे नहीं हो, तो समझिए आपकी मौत निश्चित है. पिछले ढाई महीने से रेफरल अस्पताल में एंटी रैबीज सूई नहीं है. ऐसे में पीडि़त लोगों को बाजार से महंगे भाव में सूई खरीदनी पड़ रही है. इस संबंध में जब रेफरल अस्पताल के प्रभारी डॉ मिलिंद माहन से बात की गयी, तो उन्होंने कहा कि मैंने कई बार विभाग को अपने तबादले के लिए लिखा है. रेफरल अस्पताल, भोरे में कोई भी मेरी नहीं सुनता.
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भगवान भरोसे चल रहा भोरे रेफरल अस्पताल
नहीं है एंटी रैबीज सूई, मरीज परेशानसंवाददाता, भोरे स्वास्थ्य विभाग चाहे लाख सुधार का दावा कर ले, लेकिन अगर इस महकमे के भरोसे लोग रहे तो, उनका मर्ज जरूर बढ़ जायेगा. कुछ ऐसा ही हाल भोरे रेफरल अस्पताल का है. यह अस्पताल भगवान भरोसे है. रेफरल अस्पताल के प्रभारी अपने को असहाय मानते हंै. ऐसे […]
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