गोपालगंज : धान घोटाले में डीएम कृष्ण मोहन के आदेश पर पैक्स की स्टॉक जांच में कई जांच टीमों ने स्पष्ट रिपोर्ट नहीं दी है. स्टॉक जांच में भी कम धांधली नहीं की गयी है. डीएम ने जांच रिपोर्ट को जिला सहकारिता पदाधिकारी शशि भूषण कुमार को भेजते हुए पूरी जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. डीसीओ कार्यालय को जो रिपोर्ट उपलब्ध हुई है, उसे मंगलवार को पूरे दिन अधिकारियों ने खंगाला है.
जांच रिपोर्ट में कई टीमों की स्पष्ट रिपोर्ट नहीं आने से पूरा मामला उलझ गया है. यहां तक कि जिस टीम के द्वारा स्पष्ट रिपोर्ट नहीं दी गयी, उस पैक्स के स्टॉक की जांच फिर से की जा सकती है. जांच रिपोर्ट के आकलन में जुटे डीसीओ शशिभूषण कुमार ने बताया कि जांच रिपोर्ट की गहराई से समीक्षा की जा रही है. इसमें दो दिन लग सकते हैं. इसके बाद ही स्पष्ट होगा कि जिले में कितने धान की खरीदारी पैक्स ने की है. स्टॉक जांच में पाया गया है कि कई पैक्स ने अपना धान राइस मिल को देने की बात कही है.
सदर प्रखंड की कई पैक्स ने राइस मिल की रसीद भी जांच टीम के दिखायी है, जबकि राइस मिल के नाम पर कोई भी पैक्स नहीं बच पायेगी. विभागीय सूत्रों की मानें, तो पैक्स को धान खरीद कर एसएफसी के गोदाम में उपलब्ध कराना है. एसएफसी अगर धान नहीं लेता है, तो धान अपने गोदाम में रखना है या भाड़े का गोदाम लेकर धान को स्टॉक रखना है. यहां तो कई पैक्स ने राइस मिल के नाम पर खेल किया है.
धान खरीद में कई पैक्स की उपलब्धि बेहतर : धान खरीद में कई पैक्स की उपलब्धि काफी बेहतर रही है. पैक्स ने अपने लक्ष्य के अनुरूप किसानों से धान की खरीदारी की और उन्हें भुगतान भी चेक के जरिये किया. खाद्यान्न माफियाओं के इशारे पर काम करनेवाली पैक्स में ही अधिकतर गड़बड़ी पायी जा रही है.