-प्रभार दिलाने के लिए लिपिक ने मांगी थी रिश्वत-आरडीडी ने दिया था जांच का आदेश-अभी तक नहीं हुई जांचसंवाददाता, गोपालगंजरिश्वत की बुनियाद पर यहां शिक्षा विभाग टिका है. इसका ताजा उदाहरण है रिश्वत कांड. यहां जांच के बजाय अधिकारी ने अपने मातहत को बचाने के लिए जांच आदेश को ही ठंडे बस्ते में डाल दिये हैं. अपने वरीय के आदेश की अनदेखी कर रहे हैं. बताया गया है कि मांझा प्रखंड के मध्य विद्यालय, धरम परसा के नव पदस्थापित शिक्षक सुमन सिंह ने आरडीडी को आवेदन देकर गुहार लगायी कि जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में कार्यरत लिपिक शिव नारायण बैठा द्वारा 15 हजार रुपये रिश्वत की मांग प्रधानाध्यापक का प्रभार दिलाने के लिए की गयी. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आरडीडी ने डीइओ को जांच करने का आदेश देते हुए कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही बरतने, रिश्वत मांगने के मामले मे प्रपत्र गठित कर रिपोर्ट भेजने का पत्र निर्गत किया. पत्र निर्गत किये एक माह हो गये, लेकिन अब तक विभाग मामले की जांच कराने के बजाय इसे रफादफा कर रिश्वत खोर लिपिक को बचाने में लगा है. इधर, विभाग की मंशा से शिक्षकों और उच्च बुद्धिजीवियों मे आक्रोश है. शिक्षकों की सुनी जाये, तो लिपिक का नाम ऐसी कई कांडों से जुड़ा है, लेकिन यहां तो विभाग ही उसे बचाने में लगा है. क्या कहते हैं अधिकारीआवश्यक कार्य और समय अभाव के कारण जांच नहीं हो सकी है. पत्र में सभी बिंदुओं का जिक्र किया गया है. मुझे जांच का जिम्मा मिला है. एक सप्ताह के अंदर जांच कर रिपोर्ट भेज दी जायेगी. राजकिशोर सिंह, डीपीओ
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जांच के बदले बचाने में लगा शिक्षा विभाग
-प्रभार दिलाने के लिए लिपिक ने मांगी थी रिश्वत-आरडीडी ने दिया था जांच का आदेश-अभी तक नहीं हुई जांचसंवाददाता, गोपालगंजरिश्वत की बुनियाद पर यहां शिक्षा विभाग टिका है. इसका ताजा उदाहरण है रिश्वत कांड. यहां जांच के बजाय अधिकारी ने अपने मातहत को बचाने के लिए जांच आदेश को ही ठंडे बस्ते में डाल दिये […]
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