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फर्जी रसीद पर एक दिन में खरीदे 16 हजार टन धान
डीएम ने दिया पैक्स के स्टॉक की जांच का आदेश धान खरीद में 5.69 करोड़ का घोटाला उजागर होने के बाद जांच में परत-दर-परत घोटाले का राज खुलने लगा है. पैक्स ने महज एक महीने में फर्जी रसीद पर किसानों से 16 हजार मीटरिक टन धान की खरीदारी की है. डीएम ने पैक्स के स्टॉक […]
डीएम ने दिया पैक्स के स्टॉक की जांच का आदेश
धान खरीद में 5.69 करोड़ का घोटाला उजागर होने के बाद जांच में परत-दर-परत घोटाले का राज खुलने लगा है. पैक्स ने महज एक महीने में फर्जी रसीद पर किसानों से 16 हजार मीटरिक टन धान की खरीदारी की है. डीएम ने पैक्स के स्टॉक की जांच करने का आदेश दिया है.
सोमवार को जांच टीम ने स्टॉक की जांच की. धान के भुगतान का रेकॉर्ड भी खंगाला गया. इस जांच में कई सनसनीखेज मामले सामने आये हैं. जांच में चार पैक्स तथा एक व्यापार मंडल की धांधली सामने आयी है. इस मामले में डीसीओ ने पैक्स के प्रबंधकों से जवाब तलब किया है.
गोपालगंज : धान खरीद में एक बार फिर बड़े पैमाने पर घोटाला सामने आया है. वर्ष 2012-13 में 5.69 करोड़ का घोटाला उजागर होने के बाद धांधली का एक और मामला सामने आया है.
किसानों का धान फर्जी रसीद पर खरीद करने की पूरी तैयारी कर ली गयी थी. महज एक दिन में जिले भर की पैक्स ने 16 हजार मीटरिक टन धान की खरीदारी कर ली. जब मामला डीएम के पास पहुंचा, तो वे हैरत में पड़ गये.
डीएम कृष्ण मोहन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पैक्स के स्टॉक की जांच का आदेश दिया. अब अधिकारियों को स्टॉक वेरिफिकेशन में जहां पसीना छूट रहा, वहीं परत-दर-परत धान खरीद घोटाले की पोल खुल कर सामने आने लगी है.
छपरा के जेआर चंद्रशेखर सिंह, डीसीओ शशिभूषण कुमार की टीम ने कटेया प्रखंड के बेलही खास तथा कटेया व्यापार मंडल की स्टॉक जांच सोमवार को की. उसके बाद को-ऑपरेटिव बैंक, भोरे में धान के भुगतान का रेकॉर्ड खंगाला गया. जांच में कई सनसनीखेज मामले सामने आये हैं. फिलहाल अधिकारी कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं.
क्या है विभाग का तर्क
सरकार की तरफ से 60.08 मीटरिक टन धान खरीदने का लक्ष्य पैक्स को दिया गया था. इसमें पैक्स ने जब खरीदारी शुरू की, तो पहले बोरे का संकट आया. उसके बाद एसएफसी का गोदाम भरे होने के कारण पैक्स का धान एसएफसी ने नहीं लिया. इसके कारण स्टॉक में पैक्स के पास धान रह गया. कई किसानों के पास भी धान पड़ा हुआ है. कुल खरीदारी 42 हजार मीटरिक टन किये जाने की बात सामने आयी है.
क्या है धान खरीद का नियम
पैक्स के अलावा एसएफसी को किसानों से धान खरीदने के लिए अधिकृत किया गया था. नियम था कि सरकार के समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीद कर पैक्स एसएफसी को उपलब्ध करायेगी. एसएफसी धान को मिलरों के यहां भेज कर उसका चावल तैयार करायेगा.
उस चावल को एमडीएम तथा गरीबी रेखा के नीचे रहनेवाले लोगों के बीच उपलब्ध कराया जाना है. यहां सब कुछ उलटा हुआ है. निष्पक्ष जांच हुई, तो इस बार भी करोड़ों का घोटाला सामने आयेगा.
चार पैक्स की धांधली उजागर
धान खरीद में स्टॉक जांच के दौरान चार पैक्स तथा एक व्यापार मंडल की धांधली सामने आ चुकी है. 31 मार्च को पैक्स के द्वारा खरीदे गये धान के स्टॉक की जानकारी डीसीओ शशिभूषण कुमार ने मांगी थी. इस मामले में पैक्स ने एक दिन में 16 हजार मीटरिक टन धान खरीदने की रिपोर्ट विभाग को दी. जब अधिकारियों ने जांच शुरू की, तो गोपालगंज व्यापार मंडल में धान स्टॉक में नहीं पाया गया. उसी तरह मांझा प्रखंड की कोईनी, देवापुर शेखपुर दिल तथा गौसिया पैक्स में धान नहीं पाया गया. इस मामले में डीसीओ ने पैक्स के प्रबंधकों से जवाब तलब किया है.
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