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गेहूं की फसल देख कलेजा पीट रहे किसान
खेतों में ही खत्म हो गये किसानों के अरमान प्रकृति हुई बेवफा, विभाग बना है उदासीन महाजनों का कर्ज कैसे होगा चुकता गोपालगंज : कभी बेबसी ने मारा, कभी बेबसी ने लूटा. किसानों का हाल कुछ ऐसा ही है. एक पखवारा पहले आयी आंधी-बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. किसानों के अरमान ने […]
खेतों में ही खत्म हो गये किसानों के अरमान
प्रकृति हुई बेवफा, विभाग बना है उदासीन
महाजनों का कर्ज कैसे होगा चुकता
गोपालगंज : कभी बेबसी ने मारा, कभी बेबसी ने लूटा. किसानों का हाल कुछ ऐसा ही है. एक पखवारा पहले आयी आंधी-बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. किसानों के अरमान ने खेतों में ही दम तोड़ दिये हैं. कैसे मिलेगा भोजन, कैसे लौटेगा महाजनों का कर्ज और आगे की खेती के लिए कहा से आयेंगे पैसे. किसानों का भविष्य अंधकार में है.
उत्तर प्रदेश की सीमा से प्यारेपुर तक गेहूं की फसल तहस-नहस हो गयी है. बिना बाली के गेहूं को काट रहे किसान माथा पीटने को विवश हैं. सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है. सर्वे में फसल का नुकसान 20 से 30 फीसदी बताया गया है. ऐसे में जिले के किसान मायूस हैं और भविष्य को लेकर चिंतित हैं.
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