गोपालगंज : संस्कृत साहित्य में जिले का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन हुआ है और इसे रोशन करने का काम किया है डॉ उपेंद्र ने. स्वतंत्रता पर डॉ उपेंद्र को राष्ट्रपति अवार्ड से नवाजा गया. जिले के लाल को राष्ट्रीय स्तर पर मिले इस अवार्ड से गोपालगंज की धरती गौरवान्वित हुई है. डॉ उपेंद्र को यह पुरस्कार ‘यजुव्रेद में पर्यावरण’ नामक रचना पर मिला है.
इस पुस्तक में लेखक ने वर्तमान में पर्यावरण के वैज्ञानिक तकनीकों को यजुव्रेद से जोड़ कर एक नयी तकनीक देने का प्रयास किया है. डॉ उपेंद्र द्वारा लिखित इस पुस्तक का विमोचन पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा ने किया था. जिले के कुचायकोट प्रखंड के देववां गांव निवासी डॉ उपेंद्र कुमार त्रिपाठी की प्रारंभिक शिक्षा गबहीं विद्यालय से हुई. उन्होंने मध्यमा , शास्त्री और आचार्य की डिग्री बीएचयू से प्राप्त की.
वर्तमान में डॉ उपेंद्र बीएचयू वेद विभाग के वरिष्ठ सहायक आचार्य हैं. डॉ उपेंद्र को संस्कृत साहित्य में उत्कृष्ट योगदान एवं उनकी रचना पर 15 से अधिक पुरस्कार मिल चुके हैं. गोपालगंज के लाल ने अब तक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई संगोष्ठियों में भाग ले चुके हैं.
एक बातचीत के क्रम में डॉ उपेंद्र ने कहा कि संस्कृति संस्कार की भाषा है. इससे समाज को संजीवनी मिल सकती है. संस्कृत के प्रति लोगों का झुकाव है, लेकिन भ्रांतियों के चलते लोग दूर हैं.