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अपनों की आस में कहीं टूट न जाये सांस

तीन दिनों से सदर अस्पताल में भरती हैं दो बुजुर्ग सड़क पर बेहोशी की हालत में मिले थे दोनोंपरिजनों के नहीं रहने से बेहतर इलाज का अभावफोटो न. 8फोटो न. 9संवाददाता, गोपालगंज जीवन के अंतिम पड़ाव में पहुंचे दो बुजुर्गों की सांस कहीं अपनों की आस में टूट न जाये. सदर अस्पताल के बेड पर […]

तीन दिनों से सदर अस्पताल में भरती हैं दो बुजुर्ग सड़क पर बेहोशी की हालत में मिले थे दोनोंपरिजनों के नहीं रहने से बेहतर इलाज का अभावफोटो न. 8फोटो न. 9संवाददाता, गोपालगंज जीवन के अंतिम पड़ाव में पहुंचे दो बुजुर्गों की सांस कहीं अपनों की आस में टूट न जाये. सदर अस्पताल के बेड पर तीन दिनों से पड़े बुजुर्गों को कोई पूछनेवाला नहीं है. अस्पताल में खाने-पीने की बात तो दूर, इन्हें दवा भी नहीं मिलती. चिकित्सक व कर्मी ने उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिये हैं. इमरजेंसी के अंधेरे वार्ड में जर्जर बेड पर दोनों बुजुर्ग बेहोशी की हालत में पड़े हैं. इनकी पहचान नहीं हो सकी है. सड़क किनारे दोनों बुजुर्ग बीमार मिले थे. अस्पताल कर्मियों के मुताबिक बैकुंठपुर के दीघवा में सड़क किनारे 50 वर्षीय बुजुर्ग मिले थे. बेहोशी की हालत में पीएचसी बैकुंठपुर में लाया गया. बाद में इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं होने पर सदर अस्पताल भेज दिया गया. इधर, थावे रोड में चार दिन पहले 45 वर्षीय बुजुर्ग को सड़क किनारे से पुलिस ने उठाया था, जिसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में ला कर छोड़ दिया. दोनों बुजुर्ग एक ही वार्ड में भरती हैं.बोले अस्पताल उपाधीक्षक सदर अस्पताल में जो अज्ञात मरीज आये हैं मेरे संज्ञान में नहीं थे. मरीजों के इलाज की व्यवस्था की गयी है तथा उन्हें मिलने वाली सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है. ऐसे मरीजों के इलाज में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाती है.डॉ पीसी प्रभात, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल

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