* पुलिस चाह कर भी नहीं कर पाती सुरक्षा व्यवस्था
* महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी है चिंता
गोपालगंज : शहर की सुरक्षा में चारों तरफ छेद दिख रहा है. शहर के व्यवसायी केअपहरण कांड में पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था भी कम दोषी नहीं है. गंगा नर्सरी के पास एनएच 28 पर व्यवसायी को बेरहमी से पीटा गया.
व्यवसायी चीखता रह गया. लेकिन न तो पुलिस को सूचना मिली और न ही कोई उसे बचाने आया. अगर पुलिस सचमुच में गश्त करती रहती तो अपहर्ता अपने मंसूबे में सफल नहीं होते. पुलिस को सूचना नहीं मिलना सुरक्षा में कमी का परिणाम है. घटना के 12 घंटे बाद परिजनों ने जब लापता होने की सूचना पुलिस को दी, तब पुलिस हरकत में आयी और खोजबीन शुरू हुई. इसके पीछे एक और कारण है कि शहर की आबादी के अनुरूप पुलिस बल नहीं है. अंग्रेजों के जमाने में बने नगर थाने की आबादी तब 24 हजार थी, आज यह आबादी बढ़ कर 3 लाख 10 हजार हो गयी है. शहर में भी पुलिस बेहतर ढंग से गश्त नहीं कर पाती.
– भय से छोड़ना पड़ा बिहार
* कुचायकोट थाने के जलालपुर के प्रमुख व्यवसायी आत्मा राम अपहरण के बाद बिहार छोड़ दिया.
* शहर के प्रमुख डॉक्टर दंपति डॉ एके घोष तथा सीमा घोष रंगदारी मांगने पर बिहार छोड़ दिया
* शहर के डॉ टीएन सिंह ने धमकी के बाद गोपालगंज छोड़ कर बाहर चले गये
– अभियुक्तों को तलाश रही पुलिस
अपहरणकर्ताओं ने जिस प्रकार केदार प्रसाद का अपहरण रात के आठ बजे हुआ. गाड़ी की डिक्की में बंद कर डुमरिया घाट तक लेकर चले गये थे. नगर थाने के पास से अपहरण हुआ. ठीक उसी तरह अपहर्ताओं ने कपड़ा व्यवसायी नितेश कुमार टिबड़ेवाल का अपहरण किया.
* शहर को यहां है सुरक्षा की जरूरत
* एचएच 28 के अरार चौक से कोनहवां मोड़ तक
* बंजारी चौराहा से बस स्टैंड तक
* मिंज स्टेडियम से शाही कॉम्प्लेक्स इलाका
* पुरानी चौक से लेकर घोष मोड़ तक
* मौनिया चौक से पुरानी चौक तक संध्या गश्ती
* जंगलिया चौराहा से अस्पताल परिसर तक की चौकसी
* शहर के चीनी मिल से लेकर स्टेशन रोड पर गश्त की जरूरत
* राजेंद्र नगर मुहल्ले में पुलिस चौकसी की जरूरत