बैकुंठपुर : बारिश और वाल्मीकि नगर बराज से पानी छोड़े जाने के बाद गंडक नदी का जल स्तर बढ़ रहा है. गंडक में उफान आ गया है. इस कारण ग्रामीण बाढ़ की आशंका से काफी भयभीत है. हालांकि अभी जल स्तर खतरे के निशान से नीचे है. इधर, गंडक नदी की धारा में रह-रह कर हो रहे उतार-चढ़ाव से प्रशासन से लेकर ग्रामीण तक काफी सतर्क हैं.
यहां एक तरफ जल स्तर बढ़ने से बाढ़ का भय तो दूसरी तरफ जल स्तर घटने के साथ कटाव खोम्हारिपुर से सलेमपुर तक होने का भय सता रहा है. गंडक की तेज धारा ने गरीब किसानों की खेती जमीन को निशाना बना रही है. तटबंधों पर निगरानी हो रही है. सीओ वकील सिंह ने बताया कि नदी का रुख देख कर प्रशासनिक सतर्कता के रूप में कर्मचारी एवं होमगार्ड के जवानों को तैनात कर दिया गया है. लगातार स्थिति पर नजर रखी जा रही है.
उधर, प्यारेपुर के ग्रामीण बांध से मटियारी तक सारण बांध की जजर्र हालत की मरम्मत को आवश्यक बता रहे हैं. साथ ही तमाम कटाव व बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के विस्थापितों को घर बनाने के लिए भूमि व इंदिरा आवास उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं. गंडक नदी के उफान से खौफजदा ग्रामीणों की नजर में नाव दुर्घटना में मरे 11 लोग तथा नहाने के क्रम में डूब कर मरे तीन लोगों सहित 14 लोगों की मौत हो गयी है.
अपने भाग्य को कोसते हुए बताते हैं कि अभी तो ठीक है. बाढ़ आने पर कुछ दिन तक भूखे-प्यासे जीवन जीना पड़ता है. वैसे भी अधिकांश घरों में एक समय का भोजन मुश्किल से नसीब हो पाता है. सीओ ने बताया कि सभी तटबंध अभी सुरक्षित है. फिलहाल कटाव भी बंद है. बारिश होने से थोड़ी परेशानी बढ़ी है.