कुचायकोट- संस्थागत प्रसव का उद्देश्य यहां रिश्वत के लिए तार-तार हो रहा है. धरती के भगवान डॉक्टर से लेकर स्वास्थ्यकर्मी तक आम आदमी की जान से खेल रहे हैं. कुचायकोट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में रिश्वत ने एक नवजात की जान ले ली. अस्पताल में कार्यरत एएनएम को दो हजार रुपये की रिश्वत नहीं मिलने पर यह घटना हुई.
पीड़ित महिला की तहरीर पर कुचायकोट थाने में आरोपित एएनएम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इसकी जांच में पुलिस जुट गयी है. कुचायकोट थाना क्षेत्र के कोयर टोला लालबेगी के निवासी दिलीप बैठा की पत्नी गुड़िया देवी को 6/7 अक्तूबर की रात 10.14 बजे प्रसव पीड़ा शुरू हो गयी. सुरक्षित प्रसव के लिए परिजन उसे कुचायकोट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ले गये. वहां ड्यूटी पर तैनात एएनएम ने उसे भरती कर प्रसव की तैयारी की. इस दौरान उसने दो हजार रुपये की मांग की.
परिजनों ने पैसा नहीं होने की बात कही. इस पर नाराज एएनएम ने आठ घंटे तक अस्पताल में रोक कर रखा और जबरन नवजात को खींच कर बाहर करने का प्रयास किया. पैसा नहीं मिलने पर कई ईल गालियां भी दी गयीं. अंत में 7 अक्तूबर को डॉक्टर ने उसे सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. सदर अस्पताल ले जाने के बजाय परिजनों ने उसे प्राइवेट अस्पताल में भरती कराया, जहां ऑपरेशन से प्रसव कराया गया. पेट में चोट लगने के कारण नवजात की हालत गंभीर थी. उसे शिशु रोग विशेषज्ञ के यहां भेजा गया. बुधवार की सुबह 8 बजे डॉक्टर जहांगीर अब्बास के यहां नवजात ने दम तोड़ दिया. इस मामले में पीड़ित महिला ने एएनएम पर आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए थाने में आवेदन दिया है. पुलिस ने इस मामले की जांच करने की बात कही है.